क्या आप जानते हैं कि गणेश जी पुत्री हैं माता संतोषी
हालाकि इस बारे में बहुत स्पष्ट जानकारी नहीं है परंतु कई विद्वानों का मानना है की देवी का रूप माता संतोषी श्री गणेश की ही पुत्री हैं।
स्पष्ट प्रमाण नहीं
संतोषी माता भगवान श्रीगणेश की पुत्री हैं? इस बारे में अलग-अलग विद्वानों का अलग-अलग मत है। इसका कारण ये है, कि हमारे पौराणिक ग्रंथों में इस बात का स्पष्ट रूप में उल्लेख मौजूद नहीं है।
पुत्रों की खुशी के लिए उत्पन्न की बहन
भगवान गणेश की दो पत्नी रिद्धि-सिद्धी से दो पुत्र शुभ और लाभ हैं। बताते हैं एक बार गणेश जी को अपनी बूआ से रक्षा सूत्र बंधवाते और बहुत सारे तोहफे पा्रप्त करते देख उनके पुत्रों ने पिता गणेश से इसका रहस्य पूछा। इस पर गणेश जी बताया की ये महज एक धागा नहीं बहन का दिया सुरक्षा कवच, आशिर्वाद और बहन भाई के प्रेम का प्रतीक है। इस पर दोनों पुत्रों ने इच्छा व्यक्त की, कि उन्हें भी एक बहन चाहिए। तब गणेश जी ने अपनी विशेष शक्तियों से एक ज्योति उत्पन्न और उनकी दोनों पत्नियों की आत्मशक्ति के साथ उसे सम्मलित किया। इस ज्योति ने एक कन्या का रूप धारण किया और गणेश जी की पुत्री बनी। इस तरह शुभ और लाभ को बहन मिली, जिसे नाम दिया गया संतोषी।
पत्नियों समेत कल्याण का प्रतीक हैं गणेश जी
भगवान गणेश यानी बुद्धि, बल, विद्या के देवता हैं। इन तीनों की अगर आपके ऊपर हो जाये तो आपका कल्याण हैं तो संभव है। आप पर रिद्धी-सिद्धी की कृपा बनी रहेगी। रिद्धी की कृपा हो तो हम कुशल बनते हैं। सिद्धी की कृपा हो तो हम सुरक्षित रहते हैं।