Move to Jagran APP

नवरात्रि 2018: आठवें दिन करें मां के धवल वस्त्र धारिणी महागौरी स्वरूप की पूजा

नवरात्र में देवी के नौ स्वरूपों की पूजा होती है जिसमें से आठवें दिन उनके महागौरी रूप का पूजन कैसे करें आैर उसका क्या महत्व है ये जानें पंडित दीपक पांडे से।

By Molly SethEdited By: Published: Tue, 16 Oct 2018 03:54 PM (IST)Updated: Wed, 17 Oct 2018 10:29 AM (IST)
नवरात्रि 2018: आठवें दिन करें मां के धवल वस्त्र धारिणी महागौरी स्वरूप की पूजा

कौन हैं माता महागौरी

loksabha election banner

माता दुर्गाज़ी की आठवीं शक्ति का नाम है महागौरी। कहते हैं कि जब हिमालय मे कठोर तपस्या करते समय देवी सती का शरीर धूल-मिट्टी से मलिन हो गया था, तब शिवजी ने उन्हें गंगा जल से साफ किया था जिससे उन्हें गौरवर्ण प्राप्त हुआ आैर वे महागौरी नाम से प्रसिद्ध हुईं। देवी के इसी रूप ने शुभ निशुम्भ से पराजित होकर गंगा के तट पर प्रार्थना कर रहे देवतागण का कष्ट दूर करने के लिए उनका संहार किया। देवी गौरी के अंश से कौशिकी का जन्म हुआ जिसने शुम्भ निशुम्भ को दंडित किया था। महागौरी ही शिवा और शाम्भवी के नाम से भी जानी जाती हैं। देवी के इस स्वरूप के वस्त्र एवं आभूषण श्वेत होते है। इनकी चार भुजाए, आैर वाहन वृषभ है। महागौरी के दाहिना एक हाथ अभय मुद्रा हैं जबकि दूसरे हाथ में वे त्रिशूल धारण किए हैं। वहीं एक बाए हाथ में डमरू आैर दूसरा हाथ वर मुद्रा में उठा है। वे सुवसानी आैर शांत मुद्रा में रहती हैं।

 

महागौरी की पूजा 

देवी महागौरी को चमेली के पुष्प आैर केसर अत्यंत प्रिय हैं इसलिए उनके पूजन में ये दोनो ही अर्पित करें और फल मिष्ठान का भोग लगाएं। कपूर से आरती करें आैर इस मंत्र का जाप करें ‘श्वेते वृषे समारुढा श्वेताम्बरधरा शुचिः। महागौरी शुभं दघान्महादेवप्रमोददा॥’ अष्टमी के दिन इनको नारियल का भोग लगाना चाहिए आैर वह ब्राह्मण को दे देना चाहिए। कहते हैं एेसा करने से पूजा करने वाले के पास किसी प्रकार का संताप नहीं आ सकता। दुर्गा जी के इस आठवें स्वरूप महागौरी का प्रसिद्ध पीठ हरिद्वार के पास कनखल नामक स्थान पर बना है। अष्टमी के दिन कई लोग कन्या पूजन भी करते हैं। 

महागौरी की पूजा का महत्व 

शास्त्रों के अनुसार महागौरी की पूजा से शुक्र ग्रह से उत्पन्न ग्रहदोष दूर होते हैं। इसके साथ ही व्यापार, दांपत्य, धन आैर सुख समृद्घि में वृद्घि होती है। अभिनय, गायन आैर नृत्य जैसे कलाआें में शामिल लोगों को सफलता मिलती है। मां महागौरी की साधना करने वालों को विभिन्न रोगों से भी मुक्ति मिलती है जिनमें उत्सर्जन, स्वाद इंद्रियों आैर त्वचा से संबंधित अनेक रोग सम्मिलित हैं। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.