बृहस्पतिवार को केले की पूजा करना क्यों है अनिवार्य
बृहस्पतिवार के व्रत और पूजा में केले के पेड़ का काफी महत्व है ये सभी जानते हैं। आज जानिए कि ये महत्व क्यों है।
व्रत कथा में है केले पेड़ का जिक्र
जो लोग गुरूवार को बृहस्पति देव की पूजा और व्रत करते हैं वे जानते हैं कि इस व्रत की कथा में केले के पेड़ का जिक्र किया गया है। उसमें कहा गया है कि इस व्रत का विधान तभी पूरा होता है जब केले के पेड़ पर जल चढ़ा कर उसकी पूजा की जाये। क्या कभी आपने सोचा है कि क्यों इस बात को इतना महत्व दिया जाता है।
पवित्र है केले का पेड़
तकनीकी रूप से केले कोई पेड़ नहीं होता परंतु इसकी बनावट के चलते इसे पेड़ कहते हैं। केले का पेड़ अत्यंत पवित्र माना जाता है और मांगलिक कार्यों में इसका बहुत महत्व होता है। कथा, विवाह और जनेऊ जैसे सुअवसरों पर केले के पत्तों के मंडप बनाना अत्यंत शुभ होता है। मांगलिक कार्यों में दरवाजों पर केले के पत्तों को लगाना भी शुभ माना जाता है।
विष्णु का प्रिय पेड़
बृहस्पतिवार को भगवान विष्णु की पूजा होती है, और विष्णु जी का प्रिय है केले का पेड़, इसीलिए इस दिन केले के पेउ़ की पूजा का महत्व है। ऐसा विश्वास है कि इस दिन केले के पेड़ की पूजा करने से विष्णु भगवान प्रसन्न होते हैं। इसके साथ ही जिनका बृहस्पति भारी होता है उनके लिए भी केले की पूजा करना उत्तम माना जाता है।