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Vinayak Chaturthi Puja Vidhi: आज विनायक चतुर्थी पर इस तरह करें गणेश जी की पूजा

Vinayak Chaturthi Puja Vidhi आज विनायक चतुर्थी है और आज के दिन गणेश जी की पूजा पूरे विधि-विधान के साथ की जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने यह तिथि दो बार आती है। जो चतुर्थी तिथि अमावस्या के बाद आती है उसे विनायक चतुर्थी कहा जाता है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Fri, 16 Apr 2021 07:00 AM (IST)Updated: Fri, 16 Apr 2021 07:52 AM (IST)
Vinayak Chaturthi Puja Vidhi: आज विनायक चतुर्थी पर इस तरह करें गणेश जी की पूजा
Vinayaka Chaturthi Puja Vidhi: आज विनायक चतुर्थी पर इस तरह करें गणेश जी की पूजा

Vinayak Chaturthi Puja Vidhi: आज विनायक चतुर्थी है और आज के दिन गणेश जी की पूजा पूरे विधि-विधान के साथ की जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने यह तिथि दो बार आती है। जो चतुर्थी तिथि अमावस्या के बाद आती है उसे विनायक चतुर्थी कहा जाता है। आज चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है। वहीं, कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो लोग विनायक चतुर्थी का व्रत करते हैं उन्हें कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही मनोकामनाएं भी पूरी हो जाती हैं। आइए जानते हैं विनायक चतुर्थी की पूजा विधि।

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विनायक चतुर्थी की पूजा विधि:

  • विनायक चतुर्थी के दिन सुबह उठकर व्यक्ति को स्नानादि कर लेना चाहिए। साथ ही साफ वस्त्र धारण करने चाहिए।
  • पूजा के दौरान अगर व्यक्ति लाल रंग के वस्त्र पहनें तो बेहद ही शुभ माना जाता है।
  • भगवान गणेश की पूजा के दौरान मुख पूर्व या उत्तर दिशा में रखें।
  • गणेश जी के प्रतिमा के सामने बैठ जाएं और धूप-दीपक प्रज्जवलित करें।
  • इसके बाद गणेश जी को घी, दूर्वा, रोली, अक्षत आदि गणेश जी को अर्पित करें।
  • इसके बाद गणेश जी को लड्डू या मोदक का भोग जरूर लगाएं।
  • फिर शाम के समय व्रत कथा करें और चंद्रदर्शन के बाद व्रत को खोलें।

विनायक चतुर्थी पूजा मुहूर्त

16 अप्रैल को विनायक चतुर्थी पूजा के लिए आपको दो घंटे 35 मिनट का मुहूर्त प्राप्त हो रहा है। आप शुक्रवार को दिन में 11 बजकर 04 मिनट से दोपहर 01 बजकर 38 मिनट के मध्य विघ्नहर्ता श्री गणेश जी की पूजा कर सकते हैं। पूजा में आपको गणेश जी को कम से कम 21 दूर्वा अर्पित करना चाहिए और मोदक का भोग लगाना चाहिए। मोदक और दूर्वा से गणेश जी प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'   


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