Vinayak Chaturthi November 2019: इस शनिवार को करें गणपति की पूजा, विघ्नहर्ता पूरी करेंगे हर आस
मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी यानी विनायक चतुर्थी इस बार 30 नवंबर दिन शनिवार को है। इस दिन भगवान श्री गणेश की विधि विधान से पूजा-अर्चना की जाती है।
Vinayak Chaturthi November 2019: हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर मास में दो चतुर्थी आती हैं। शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी और कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी यानी विनायक चतुर्थी इस बार 30 नवंबर, दिन शनिवार को है। इस दिन भगवान श्री गणेश की विधि विधान से पूजा-अर्चना की जाती है, जिससे प्रसन्न होकर विघ्नहर्ता गणेश जी भक्तों की सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं। उनके आशीर्वाद से सभी बिगड़े का बन जाते हैं और उसमें सफलता प्राप्त होती है।
विनायक चतुर्थी का मुहूर्त
दिन: शनिवार, मार्गशीर्ष मास, शुक्ल पक्ष, चतुर्थी तिथि।
चतुर्थी तिथि: 30 नवंबर को शाम 06:05 बजे तक।
आज का दिशाशूल: पूर्व।
आज का राहुकाल: प्रात: 09:00 बजे से पूर्वाह्न 10:30 बजे तक।
आज की भद्रा: प्रात: 05:53 बजे से सायं 06:05 बजे तक।
सूर्योदय: प्रात: 06:55 बजे।
सूर्यास्त: सायं 05:24 बजे।
विनायक चतुर्थी पूजा विधि
इस दिन श्री गणेश की पूजा करने और व्रत रखने से परिवार में सुख-समृद्धि, आर्थिक संपन्नता, ज्ञान एवं बुद्धि का अशीर्वाद प्राप्त प्राप्त होता है। विनायक चतुर्थी के दिन सुबह नित्य कर्मों से निवृत्त होकर स्नान कर लाल वस्त्र पहनें। फिर व्रत और पूजा का संकल्प करें।
इसके पश्चात दोपहर में पूजा स्थल पर गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें। फिर उनका षोडशोपचार पूजन करें। उनकी मूर्ति पर सिन्दूर चढ़ाएं। 'ओम गं गणपतयै नम: मंत्र का जाप करते हुए 21 दूर्वा दल उनको अर्पित करें। फिर उनको पसंदीदा बूंदी के 21 लड्डुओं का भोग लगाएं। उसमें से कुछ उनके चरणों में रख दें, कुछ ब्राह्मण को दें और बाकी प्रसाद स्वरुप बांट दें। पूजा के दौरान कपूर या घी का दीपक जलाकर गणेश जी की आरती अवश्य करें।
विनायक चतुर्थी के दिन श्री गणेश स्तोत्र, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक गणेश स्त्रोत का भी पाठ कर सकते हैं, यह आपके लिए फलदायी होगा। दिनभर फलाहार करते हुए शाम को भोजन करें। शाम के समय पारण से पूर्व भी आप गणेश जी की आराधना करें।