Move to Jagran APP

Vat Savitri Vrat 2021: आज है वट सावित्री व्रत, जानें तिथि, मुहूर्त, पूजन सामग्री, पूजा विधि एवं महत्व

Vat Savitri Vrat 2021 वट सावित्री व्रत हर साल ज्येष्ठ अमावस्या के दिन रखा जाता है। वट सावित्री व्रत करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य और संतान की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं वट सावित्री व्रत की तारीख पूजन सामग्री मुहूर्त पूजा विधि और महत्व के बारे में।

By Kartikey TiwariEdited By: Published: Sun, 30 May 2021 08:30 AM (IST)Updated: Thu, 10 Jun 2021 09:24 AM (IST)
Vat Savitri Vrat 2021: आज है वट सावित्री व्रत, जानें तिथि, मुहूर्त, पूजन सामग्री, पूजा विधि एवं महत्व
Vat Savitri Vrat 2021: आज है वट सावित्री व्रत, जानें तिथि, मुहूर्त, पूजन सामग्री, पूजा विधि एवं महत्व

Vat Savitri Vrat 2021: हिंदू पंचांग के अनुसार, वट सावित्री व्रत हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या के दिन रखा जाता है। महिलाएं प्रत्येक वर्ष वट सावित्री व्रत का इंतजार करती हैं। इस व्रत का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है। यह व्रत पति की दीर्घायु और संतान के उज्जवल भविष्य के लिए रखा जाता है। माता सावित्री की कथा तो लगभग सभी ने सुनी होगी। वट सावित्री व्रत करने से सुहागन महिलाओं को अखंड सौभाग्य और संतान की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं कि इस वर्ष वट सावित्री व्रत की तारीख, पूजन सामग्री, मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व के बारे में।

loksabha election banner

वट सावित्री 2021 व्रत मुहूर्त

व्रत तिथि: 10 जून 2021, दिन गुरुवार

ज्येष्ठ अमावस्या तिथि का प्रारंभ 9 जून 2021 को दोपहर 01:57 बजे से हो रहा है, जिसका समापन 10 जून 2021 को शाम 04:22 बजे होगा।

व्रत पारण: 11 जून 2021, दिन शुक्रवार

वट सावित्री पूजन सामग्री

वट सावित्री व्रत की पूजन सामग्री में सावित्री-सत्यवान की मूर्तियां, धूप-दीप, घी, फल-फूल, बांस का पंखा, लाल कलावा, कच्चा सूत, सुहाग का सामान, पूड़ि‍यां, बरगद का फल, भिगोया हुआ चना, जल से भरा कलश आदि शामिल हैं।

वट सावित्री व्रत पूजा विधि

वट सावित्री व्रत के दिन स्नान आदि से निवृत होने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद वट सावित्री व्रत और पूजा का संकल्प लें। माता सावित्री और सत्यवान की पूजा करें। साथ ही जल से वटवृक्ष को सींचे और कच्चा धागा वटवृक्ष के चारों ओर लपेट दें। इस दौरान उसकी तीन बार परिक्रमा करें। बड़ के पत्तों के गहने बनाएं और उसे पहनकर सावित्री-सत्यवान की पुण्यकथा को सुनें। यह कथा दूसरे को भी सुनाएं। अब भीगे हुए चने एक पात्र में निकाल दें, कुछ रुपए के साथ अपनी सास के पैर छूकर आशीष लें। पूजा के समापन पर बांस के एक पात्र में वस्त्र तथा फल किसी ब्राह्मण को दान करें।

वट सावित्री व्रत का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माता सावित्री अपने पति के प्राण यमराज से मुक्त कराकर ले आई थीं। इसी वजह से इस व्रत का विशेष महत्व है। इस व्रत में महिलाएं वट वृक्ष और सावित्री-सत्यवान की पूजा करती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार वट वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवताओं का वास होता है, जिसके कारण सुहागिनों को विशेष फल की प्राप्ति होता है। मान्यता के अनुसार, वट सावित्री व्रत की कथा को सुनने मात्र से ही व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। इस व्रत से सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य और संतान की प्राप्ति होती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.