Move to Jagran APP

Varalakshmi Vrat Katha: पढ़ें वरलक्ष्मी व्रत कथा, सुनने मात्र से ही आर्थिक समस्या से मिलेगा छुटकारा

Varalakshmi Vrat Katha माता वरलक्ष्मी की पूजा पूरे विधि-विधान से की जाती है। पौराणिक मान्यता के अनुसार मां वरलक्ष्मी की उत्पत्ति क्षीर सागर से हुई है जिसकी वजह से उनका रंग श्वेत है। माता वरलक्ष्मी की पूजा से आठ प्रकार की सिद्धियां प्राप्त होती हैं।

By Ritesh SirajEdited By: Published: Fri, 20 Aug 2021 09:05 AM (IST)Updated: Fri, 20 Aug 2021 09:05 AM (IST)
Varalakshmi Vrat Katha: पढ़ें वरलक्ष्मी व्रत कथा, सुनने मात्र से ही आर्थिक समस्या से मिलेगा छुटकारा
Varalakshmi Vrat Katha: पढ़ें वरलक्ष्मी व्रत कथा, सुनने मात्र से ही आर्थिक समस्या से मिलेगा छुटकारा

Varalakshmi Vrat Katha : भगवान शिव को प्रिय सावन मास समाप्त होने वाला है। सावन मास के पूर्णिमा से पहले पड़ने वाले शुक्रवार को माता वरलक्ष्मी की पूजा की जाती है। वरलक्ष्मी की कृपा से व्यक्ति के जीवन में धन, यश, प्रेम, शांति, संपन्नता और आरोग्यता की प्राप्ति होती है। इसीलिए माता की पूजा पूरे विधि-विधान से की जाती है। पौराणिक मान्यता के अनुसार मां वरलक्ष्मी की उत्पत्ति क्षीर सागर से हुई है, जिसकी वजह से उनका रंग श्वेत है। माता वरलक्ष्मी की पूजा से आठ प्रकार की सिद्धियां प्राप्त होती हैं। वरलक्ष्मी व्रत कथा के पाठ से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होते हैं। आइये जानते है कि वरलक्ष्मी व्रत कथा के विषय में:

loksabha election banner

वरलक्ष्मी व्रत कथा

पौराणिक कथानुसार, मगध राज्य में कुंडी नामक एक नगर हुआ करता था। उस नगर में चारुमति के नाम की एक महिला रहती थी। चारुमति पारिवारिक नारी थी जो अपने सास, ससुर एवं पति की जिम्मेदारियों का निर्वहन करती थी। इसके अलावा वह माता लक्ष्मी की अनन्य भक्त थी। वे पूरे विधि-विधान से माता की पूजा-अर्चना करती थी।

एक दिन रात्रि में चारुमति के सपने में आकर माता लक्ष्मी ने सावन मास की पूर्णिमा से पहले शुक्रवार को वरलक्ष्मी का व्रत रखने की बात कही। शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी के द्वारा बताएं अनुसार चारुमति ने नियमपूर्वक मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा की।

चारुमति की पूजा जैसे ही संपन्न हुई और वो कलश की परिक्रमा कर रही थी तो वैसे ही शरीर पर सोने के आभूषण सजने लगे थे। साथ ही साथ चारुमति का घर धन-धान्य से भर गया। चारुमति ने नगर की दूसरी नारियां को व्रत की विधि बताई थी। नगर की सभी महिलाओं ने वरलक्ष्मी की व्रत रखना शुरू किया जिससे सभी की आर्थिक समस्या समाप्त हो गई।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.