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गृह प्रवेश कर रहें हैं तो करें ये उपाय, जानें किस यंत्र से होगी कौन सी बाधा दूर

विभिन्न ज्योतिष ग्रंथों में नक्षत्रों को ध्यान में रखकर गृहप्रवेश विधि का वर्णन किया गया है। सभी ज्योतिष शास्त्रों में गृह प्रवेश को विधि विधान द्वारा ही शुभ माना जाता है। ऐसा न करने पर कोई अनहोनी या समस्या जातक को परेशान कर सकती है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 17 May 2016 12:28 PM (IST)Updated: Thu, 19 May 2016 10:54 AM (IST)
गृह प्रवेश कर रहें हैं तो करें ये उपाय, जानें किस यंत्र से होगी कौन सी बाधा दूर

मकान, वस्तु शास्त्र की विधि द्वारा बनवाना जितना जरूरी है, उतना ही ज्योतिष विद्या के अनुसार गृह प्रवेश भी जरूरी है। विभिन्न ज्योतिष ग्रंथों में नक्षत्रों को ध्यान में रखकर गृहप्रवेश विधि का वर्णन किया गया है। सभी ज्योतिष शास्त्रों में गृह प्रवेश को विधि विधान द्वारा ही शुभ माना जाता है। ऐसा न करने पर कोई अनहोनी या समस्या जातक को परेशान कर सकती है।

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नए मकान में प्रवेश करने से पहले रंगाई- पुताई करवाकर पानी के सभी नल, बिजली के कनेक्शन आदि की अच्छी तरह से जांच कर लेनी चाहिए।

शुभ मुहूर्त में, मकान का फर्श- सुथरा करके यज्ञ, हवन, पूजन, दीप, धूप आदि द्वारा विधि- विधान से गृह प्रवेश पूजन सम्पन्न करना चाहिए।

घर में प्रवेश करने से पहले बड़े- बुजुर्ग, पूजनीय, पित्रों (इष्ट) का आशीर्वाद लें तथा भोजन कराना चाहिए। ऐसा करने से सबके मन में सकारात्मक प्रभाव आता है और उनकी सकारात्मक शक्ति आपको जीवन में आगे बढ़ने का हौसला देती है।

रोजाना घर में फिटकरी के पानी से पोछा लगाना भी बेहद लाभकारी माना जाता है।

घर में वास्तु दोष निवारक यंत्र अवश्य रखें इससे अगर घर की बनावट में किसी तरह की परेशानी होगी तो दूर होगी ।

हिंदू धर्म संस्कृति में प्राचीन युग से ही वास्तु देवता की प्रसन्नता के लिए उनकी पूजा का विशिष्ट स्थान रहा है। चाहे नगर निर्माण हो या भवन निर्माण अथवा कर्मकांड के लघु एवं बृहत यज्ञानुष्ठान आदि हों, इन सभी कार्यों में सफलता में आने वाली बाधाओं के शमन के लिए वास्तुपुरुष की विधिपूर्वक पूजा की जाती है।

ऐसी स्थिति में संपूर्ण वास्तुयंत्र को अपने घर में स्थापित करने से वास्तु देवता प्रसन्न होते हैं जिससे घर की सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।

श्री गायत्री यंत्र: गायत्री यंत्र के पूजन, दर्शन से घर में सात्विक वातावरण बनता है जिससे घर के सभी सदस्यों में पवित्र भावना का विकास होता है। महामृत्यंुजय यंत्र: इस यंत्र के दर्शन, पूजन से घर में दुःख, बीमारियों से रक्षा होती है, व्यक्ति उन्नति की ओर अग्रसर होता है।

श्री काली यंत्र: महाकाली यंत्र के दर्शन, पूजन से अकाल मृत्यु से रक्षा होती है। आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। श्री वास्तु महायंत्र: इस यंत्र के दर्शन, पूजन से घर में वास्तुदोष का निवारण होता है। घर की सुरक्षा बनी रहती है।

श्री केतु यंत्र: केतु यंत्र के दर्शन, पूजन से अचानक होने वाली अशुभ घटनाओं का पूर्वाभास होता है। व्यक्ति सावधानीपूर्वक विकट स्थितियों का सामना करने में सफल होता है।

श्री राहु यंत्र: इस यंत्र के दर्शन, पूजन से कार्यों में आने वाली अड़चनें दूर होती हैं। सामान्य संघर्ष के बाद व्यक्ति सफलता प्राप्त करता है।

श्री शनि यंत्र: शनि यंत्र के पूजन, दर्शन से हीन भावनाओं का नाश होता है। व्यक्ति स्थिरतापूर्वक कार्यक्षेत्र में सफल होता है।

श्री मंगल यंत्र: मंगल यंत्र के पूजन, दर्शन से धैर्य एवं साहस में वृद्धि होती है जिससे व्यक्ति निडर होकर कार्य करता है।

श्री कुबेर यंत्र: कुबेर यंत्र के पूजन, दर्शन से आय के स्रोतों में वृद्धि होती है। धन का सदुपयोग होता है।


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