Hariyali Amavasya 2020: आज इस मुहूर्त में करें हरियाली अमावस्या की पूजा, जानें क्या है महत्व
Hariyali Amavasya 2020 आज सावन माह की अमावस्या है। यह हरियाली अमावस्या के नाम से प्रसिद्ध है। सोमवार होने से सोमवती अमावस्या भी है।
Hariyali Amavasya 2020: हिन्दी पंचांग के अनुसार, आज सावन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या है। आज सोमवार दिन होने के कारण इसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है, इसका विशेष धार्मिक महत्व है। सावन के अमावस्या को हरियाली अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। आज का दिन विशेष है क्योंकि आज हरियाली अमावस्या और सोमवती अमावस्या का योग बना है। सोमवती अमावस्या के दिन स्नान, दान एवं पित्तरों का तर्पण, श्राद्ध कर्म आदि किया जाता है। वहीं, हरियाली अमावस्या प्रकृति को समर्पित है।
अमावस्या का मुहूर्त
अमावस्या का प्रारंभ 19 जुलाई को देर रात 12 बजकर 10 मिनट पर हो रहा है, जो अगले दिन 20 जुलाई को रात 11 बजकर 01 मिनट तक रहेगा। इसके बाद श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा का प्रारंभ हो जाएगा। आज के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग आज रात 09 बजकर 21 मिनट से अगले दिन 21 जुलाई को सुबह 05 बजकर 36 मिनट तक है।
हरियाली अमावस्या
सावन माह की अमावस्या हरियाली अमावस्या के नाम से प्रसिद्ध है। आज के दिन सुबह में स्नान आदि से निवृत होकर भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश जी, भगवान कार्तिकेय तथा नंदी की विधिपूर्वक पूजा करें। इसके बाद आम, आंवला, पीपल, वटवृक्ष एवं नीम में से किसी एक पौधे का रोपण करें। पौधा लगाने के बाद उसे जल से सींचे तथा पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लें।
हरियाली अमावस्या विशेष रुप से प्रकृति को समर्पित होती है। आज के दिन पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम एक पौधा जरूर लगाना चाहिए। माता पार्वती को प्रकृति का स्वरूप माना गया है। उनके कारण ही पृथ्वी पर हरियाली है। इस वजह से हरियाली अमावस्या के दिन माता पार्वती की पूजा की जाती है।
सोमवती अमावस्या का महत्व
आज के दिन नदी या किसी सरोवर में स्नान करके दान पुण्य किया जाता है। साथ ही अपने पूर्वजों के लिए तर्पण, श्राद्ध कर्म भी कराया जाता है। इस समय कोरोना महामारी फैली हुई है, ऐसे में अपनी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नदी या सरोवर में स्नान से बचें। घर पर ही स्नान कर दान पुण्य करें तथा तर्पण आदि करें। इससे पितर तृप्त होकर खुशहाली का आशीर्वाद देते हैं।