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Skanda Sashti Vrat 2019: आज करें भगवान स्कन्द की पूजा, सफलता और संतान सुख की होगी प्राप्ति

Skanda Sashti Vrat 2019 हर वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कन्द षष्ठी मनाई जाती है जो इस वर्ष 19 अक्टूबर दिन शनिवार को है।

By kartikey.tiwariEdited By: Published: Thu, 17 Oct 2019 04:00 PM (IST)Updated: Sat, 19 Oct 2019 08:52 AM (IST)
Skanda Sashti Vrat 2019: आज करें भगवान स्कन्द की पूजा, सफलता और संतान सुख की होगी प्राप्ति
Skanda Sashti Vrat 2019: आज करें भगवान स्कन्द की पूजा, सफलता और संतान सुख की होगी प्राप्ति

Skanda Sashti Vrat 2019: हर वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कन्द षष्ठी मनाई जाती है, जो इस वर्ष 19 अक्टूबर दिन शनिवार को है। आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कन्द षष्ठी होती है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती के बड़े पुत्र और गणेश जी के बड़े भाई कार्तिकेय की पूजा की जाती है। स्कन्द षष्ठी व्रत करने से नि:संतानों को संतान की प्राप्ति होती है, सफलता, सुख-समृद्धि प्राप्त होता है। हर दु:ख का निवारण हो जाता है, दरिद्रता मिट जाती है। इस व्रत को करने से क्रोध, लोभ, अहंकार, काम जैसी बुराइयां भी खत्म हो जाती हैं।

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भगवान कार्तिकेय हैं स्कन्द

अभी नवरात्रि में पांचवे दिन स्कन्दमाता की पूजा हुई थी। भगवान कार्तिकेय ही स्कन्द कुमार हैं। इनकी पूजा से स्कन्दमाता प्रसन्न होती हैं। कार्तिकेय को स्कंद देव, मुरुगन, सुब्रह्मन्य आदि नामों से भी जाना जाता है। इनके 6 मुख हैं।

मयूर पर सवारी करने वाले देवों के सेनापति कुमार कार्तिकेय की दक्षिण भारत में प्रमुख रूप से पूजा अर्चना की जाती है। दक्षिण भारत में वे मुरुगन नाम से लोकप्रिय हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कुमार कार्तिकेय की कृपा से ही व्यक्ति को प्रतिष्ठा, सफलता आदि प्राप्त होती है।

स्कन्द पूजा का महत्व

स्कन्द षष्ठी के दिन कुमार कार्तिकेय की विधि विधान से पूजा करने पर विजय की प्राप्ति होती है। लोगों के बिगड़े कार्य बनते हैं। यदि पूजा के समय दही और सिंदूर मिलाकर उनको ​अर्पित करें तो आपके काम में आने वाली अड़चने दूर होती हैं। स्कन्द की पूजा करने से बच्चों को रोग या कोई कष्ट नहीं रहता है।

पूजा विधि

स्कन्द षष्ठी के दिन स्नानादि से निवृत होने के बाद भगवान कार्तिकेय, भगवान शिव और माता गौरी की प्रतिमा या तस्वीर पूजा स्थल पर स्थापित करें। फिर उनको अक्षत्, हल्दी, चंदन, दूध, जल, मौसमी फल, मेवा, कलावा, दीपक, गाय का घी, इत्र, पुष्प आदि अर्पित करें। पूजा के दौरान एक अखंड दीपक जलाएं। इसके पश्चात स्कंद षष्ठी महात्म्य का पाठ करें और अंत में आरती के बाद प्रसाद वितरण करें। विधि प्रकार से स्कन्द कुमार की पूजा करने से सुयोग्य संतान प्राप्त होती है।


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