Shukra Pradosh Vrat 2022: आज शुक्र प्रदोष व्रत, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
Shukra Pradosh Vrat 2022 Shurkra Pradosh Vrat 2022 हर माह की त्रयोदशी तिथि को भगवान शिव की पूजा की जाती है। इस बार शुक्रवार होने के कारण इसे शुक्र प्रदोष कहा जाता है। जानिए भगवान शिव की शुभ मुहूर्त में करें पूजा साथ ही जानिए पूजा विधि
नई दिल्ली, Shukra Pradosh Vrat 2022: पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस दिन शुक्रवार पड़ने के कारण इसे शुक्र प्रदोष व्रत कहा जाएगा। आज के दिन भगवान शिव की पूजा विधिवत तरीके से की जाती है। माना जाता है कि प्रदोष व्रत के दिन विधिवत पूजा करने से व्यक्ति को सभी कष्टों से छुटकारा मिल जाता है। इसके साथ ही सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। जानिए शुक्र प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
शुक्र प्रदोष व्रत 2022 शुभ मुहूर्त
अश्विन कृष्ण त्रयोदशी तिथि आरंभ- 22 सितंबर रात 01 बजकर 17 मिनट से
आश्विन कृष्ण त्रयोदशी तिथि समापन - 23 सितंबर को रात 02 बजकर 30 मिनट तक
शिव पूजा का शुभ समय- आज शाम 06 बजकर 17 मिनट से रात 08 बजकर 39 मिनट तक
सिद्ध योग- प्रातःकाल से सुबह 09 बजकर 56 मिनट तक
साध्य योग- आज सुबह 09 बजकर 56 मिनट से 24 सितंबर सुबह 09 बजकर 43 मिनट तक
शुक्र प्रदोष व्रत पूजा विधि
आज सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान आदि कर लें। अगर आप व्रत रख रहे हैं तो भगवान शिव का स्नरण करते हुए व्रत का संकल्प लें। इसके बाद भगवान शिव का जलाभिषेक करें। आप चाहे तो पंच तत्व (दूध, पानी, दही, शहद, गंगाजल) से भी अभिषेक कर सकते हैं अब भोलेनाथ को फूल और माला, बेल पत्र, धतूरा आदि चढ़ाएं। इसके बाद भगवान शिव को भोग लगाएं। इसके बाद दीपक और धूप जलाकर शिव चालीसा, शिव मंत्र, प्रदोष व्रत कथा का पाठ करें। अंत में आरती करके भूल चूक के लिए माफी मांग लें। दिनभर व्रत रहने के बाद शाम को व्रत खोल लें।
इन शिव मंत्रों का करें जाप
ऊं नमः शिवाय
ऊं त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥
ऊं नमो भगवते रुद्राय नमः
Pic Credit- Instagram/bhagwan_ji_ki_bhakt
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