Shri Radhashtmi Aarti: पूजा के दौरान जरूर गाएं ये आरती, बनी रहेगी राधा रानी की कृपा
Shri Radhashtmi Aarti राधाष्टमी की पूजा-अर्चना करते समय आपको इनकी व्रत कथा और आरती जरूर करनी चाहिए। इससे पूजा और व्रत का फल दोगुना हो जाता है।
Shri Radhashtmi Aarti: आज राधाष्टमी है। यह पर्व हर वर्ष भाद्रपद शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। मान्यता है कि इसी दिन जगज्जननी पराम्बा भगवती श्री राधा का जन्म हुआ था। कहा जाता है कि अगर राधा रानी की पूजा-अर्चना न की जाए तो व्यक्ति श्री कृष्ण की पूजा का भी अधिकार नहीं रखता है। इनके बिना श्रीकृष्ण की पूजा भी अधूरी मानी जाती है। अतः श्री राधा की अर्चना समस्त वैष्णवों को जरूर करनी चाहिए। माना जाता है कि अगर राधा रानी की विधिवत पूजा की जाए तो इससे श्रीकृष्ण भी प्रसन्न हो जाते हैं और व्यक्ति की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। राधाष्टमी का व्रत करने से आर्थिक विपन्नता दूर होती है। साथ ही महिलाओं को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। भक्तों के घर में लक्ष्मी का निवास भी रहता है। यही नहीं, इससे राधा रानी की कृपा हमेशा व्यक्ति पर बनी रहती है।
राधाष्टमी की पूजा-अर्चना करते समय आपको इनकी व्रत कथा और आरती जरूर करनी चाहिए। इससे पूजा और व्रत का फल दोगुना हो जाता है। ऐसे में अगर आप भी राधाष्टमी का व्रत कर रहे हैं तो आइए पढ़ते हैं श्री राधा जी की आरती।
आरती श्री राधाजी की
आरती राधाजी की कीजै। टेक...
कृष्ण संग जो कर निवासा, कृष्ण करे जिन पर विश्वासा।
आरती वृषभानु लली की कीजै। आरती...
कृष्णचन्द्र की करी सहाई, मुंह में आनि रूप दिखाई।
उस शक्ति की आरती कीजै। आरती...
नंद पुत्र से प्रीति बढ़ाई, यमुना तट पर रास रचाई।
आरती रास रसाई की कीजै। आरती...
प्रेम राह जिनसे बतलाई, निर्गुण भक्ति नहीं अपनाई।
आरती राधाजी की कीजै। आरती...
दुनिया की जो रक्षा करती, भक्तजनों के दुख सब हरती।
आरती दु:ख हरणीजी की कीजै। आरती...
दुनिया की जो जननी कहावे, निज पुत्रों की धीर बंधावे।
आरती जगत माता की कीजै। आरती...
निज पुत्रों के काज संवारे, रनवीरा के कष्ट निवारे।
आरती विश्वमाता की कीजै। आरती राधाजी की कीजै...