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Shardiya Navratri 2022 Day 6: नवरात्र के छठे दिन करें मां कात्यायनी स्तोत्र का पाठ, मिलेगा माता का आशीर्वाद

Shardiya Navratri 2022 Day 6 शारदीय नवरात्र के छठे दिन माता कात्यायनी की पूजा का विधान है। इस दिन माता कात्यायनी की पूजा करने से सभी प्रकार के कष्ट और दुःख दूर हो जाते हैं और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।

By Shantanoo MishraEdited By: Published: Sat, 01 Oct 2022 12:19 PM (IST)Updated: Sat, 01 Oct 2022 12:19 PM (IST)
Shardiya Navratri 2022 Day 6: नवरात्र के छठे दिन करें मां कात्यायनी स्तोत्र का पाठ, मिलेगा माता का आशीर्वाद
Shardiya Navratri 2022 Day 6 नवरात्र के छठे दिन कात्यायनी स्तोत्र का पाठ करने से विशेष लाभ होता है।

नई दिल्ली, Shardiya Navratri 2022 Day 6, Katyayani Stotram: आज शारदीय नवरात्र के छठे दिन माता कात्यायनी की विधि-विधान से पूजा की जाती है। माता कात्यायनी को भगवान ब्रह्मा के मानस पुत्री के रूप में भी जाना जाता है। मान्यताओं के अनुसार आज के दिन मां दुर्गा (Shardiya Navratri 2022) के सिद्ध स्वरूप की पूजा करने से सभी दुःख-दर्द दूर हो जाते हैं और घर में खुशियों का अम्बार लग जाता है। बता दें कि शास्त्रों में माता कात्यायनी को प्रसन्न करने के लिए कई मंत्र और स्तोत्र का उल्लेख किया गया है। जिनका उच्चारण करने से भक्तों को बहुत लाभ होता है। पढ़िए कात्यायनी स्तोत्र और इसका महत्व।

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अथ कात्यायनी स्तोत्रम् (Katyayani Stotram Paath)

!! ध्यान !!

वन्दे वांछित मनोरथार्थचन्द्रार्घकृतशेखराम्।

सिंहारूढचतुर्भुजाकात्यायनी यशस्वनीम्।।

स्वर्णवर्णाआज्ञाचक्रस्थितांषष्ठम्दुर्गा त्रिनेत्राम।

वराभीतंकरांषगपदधरांकात्यायनसुतांभजामि।।

पटाम्बरपरिधानांस्मेरमुखींनानालंकारभूषिताम्।

मंजीर हार केयुरकिंकिणिरत्नकुण्डलमण्डिताम्।।

प्रसन्नवंदनापज्जवाधरांकातंकपोलातुगकुचाम्।

कमनीयांलावण्यांत्रिवलीविभूषितनिम्न नाभिम्।।

!! स्तोत्र !!

कंचनाभां कराभयंपदमधरामुकुटोज्वलां।

स्मेरमुखीशिवपत्नीकात्यायनसुतेनमोअस्तुते।।

पटाम्बरपरिधानांनानालंकारभूषितां।

सिंहास्थितांपदमहस्तांकात्यायनसुतेनमोअस्तुते।।

परमदंदमयीदेवि परब्रह्म परमात्मा।

परमशक्ति,परमभक्ति्कात्यायनसुतेनमोअस्तुते।।

विश्वकर्ती,विश्वभर्ती,विश्वहर्ती,विश्वप्रीता।

विश्वाचितां,विश्वातीताकात्यायनसुतेनमोअस्तुते।।

कां बीजा, कां जपानंदकां बीज जप तोषिते।

कां कां बीज जपदासक्ताकां कां सन्तुता।।

कांकारहषणीकां धनदाधनमासना।

कां बीज जपकारिणीकां बीज तप मानसा।।

कां कारिणी कां मूत्रपूजिताकां बीज धारिणी।

कां कीं कूंकै क:ठ:छ:स्वाहारूपणी।।

कात्यायनी स्तोत्र महत्व

माता कात्यायनी स्तोत्र का पाठ करने से सभी प्रकार के दुःख-दर्द दूर हो जाते हैं। इसके साथ व्यक्ति किसी भी प्रकार के भय से मुक्त हो जाता है। मान्यता यह भी है कि कात्यायनी स्तोत्र का पाठ करने से हर प्रकार के रोग ठीक हो जाते हैं। वहीं विवाह में आ रही रुकावटें भी दूर हो जाती हैं।

डिसक्लेमर

इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।


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