शनिवार के हर कोप से बचेंगे यदि इन मंत्रों से करेंगे पूजा
शनिवार को शनि देव की पूजा के दौरान यदि इन विशेष मंत्रों से उनकी पूजा करेगे तो साढ़े साती या ढैय्या जैसी शनि की दी हर समस्या का समाधान होगा।
By Molly SethEdited By: Published: Thu, 25 Jan 2018 04:36 PM (IST)Updated: Sat, 27 Jan 2018 10:25 AM (IST)
दृष्टि वक्र है पर कुटिल नहीं
शनिदेव कई वजहों से अदभुत देवता के रूप में पूजनीय हैं। शनि की चाल मंद यानी धीमी मानी जाती है, और दृष्टि वक्र यानी टेढ़ी। परन्तु उनका न्याय का एकदम सीधा और सटीक होता है। यानी अच्छे कर्मों पर कृपा व बुरे कर्मों पर दण्ड। यही कारण है कि जहां शनिदेव की शुभ दृष्टि भाग्य बनाने वाली तो वहीं उनकी अशुभ दृष्टि सर्वनाश करने वाली मानी जाती है।
मंत्रों का जाप कर देगा शनि को प्रसन्न
शनिदेव की कृपा के लिए और शनिदेव की चाल बदलने, अर्थात शनि महादशा, साढ़े साती या ढैय्या में शनि की कृपा से सौभाग्य, सफलता व सुख की कामना पूरी करने के लिए शास्त्रों में शनि के सरल और सहज नाम मंत्रों का स्मरण बताया गया है। इसलिए ऐसे ही कुछ आसान शनि मंत्रों व उनकी पूजा के सरल उपायों के बारे में जानना अत्यंत आवश्यक है।
शनि की प्रिय बातें
सबसे पहले शनिवार को शनि देवालय में शनि देव की काली पाषाण मूर्तियों को सरसो या तिल का तेल, काले तिल, काले वस्त्र, उड़द की दाल, फूल व तेल से बनी मिठाई या पकवान अर्पित कर समृद्धि की कामना से नीचे लिखे सरल शनि मंत्रों का स्मरण करें–
ऊं धनदाय नम:, ऊं मन्दाय नम:, ऊं मन्दचेष्टाय नम:, ऊं क्रूराय नम: ऊं भानुपुत्राय नम:। अब पूजा व मंत्र स्मरण के बाद शनि की धूप व तेल दीप से आरती भी अवश्य करें।अंत में दोषों के लिए क्षमा की प्रार्थना करें व प्रसाद ग्रहण करें।
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