Shani Dev Puja:आज शनिवार को शनिदेव की पूजा करते समय इस तरह करें मंत्रों का जाप
Shani Dev Puja शनिदेव कर्मफल दाता हैं। शनिदेव को जितना दुख का कारक माना जाता है दरअसल वो उतना भी सच नहीं है। सच बात तो यह है कि शनिदेव शत्रु नहीं बल्कि मित्र है। मोक्ष को देने वाला शनि एक मात्र ग्रह है।
Shani Dev Puja: शनिदेव कर्मफल दाता हैं। शनिदेव को जितना दुख का कारक माना जाता है दरअसल, वो उतना भी सच नहीं है। सच बात तो यह है कि शनिदेव शत्रु नहीं बल्कि मित्र है। मोक्ष को देने वाला शनि एक मात्र ग्रह है। शनि ही हैं जो प्रकृति में संतुलन पैद करता है। शनिदेव हर प्राणी के साथ उचित न्याय करते हैं। एक मात्र शनि ग्रह ही है। सत्य तो यह ही है कि शनि प्रकृति में संतुलन पैदा करता है, और हर प्राणी के साथ उचित न्याय करता है। मान्यता है कि शनिदेव की पूजा हर शनिवार की जानी चाहिए। इससे शुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है।
शनिदेव को 9 ग्रहों के समूह में सबसे क्रूर माना गया है। लेकिन ऐसा नहीं है। कहा जाता है कि अगर शनिदेव किसी पर मेहरबान हो तो वो उस व्यक्ति को धन-धान्य से परिपूर्ण कर देते हैं। ज्योतिष के अनुसार, शनिदेव एक ही राशि में करीब 30 दिन तक रहते हैं। ये मकर और कुंभ राशि के स्वामी कहे गए हैं। भगवान शिव ने शनि देव को नवग्रहों में न्यायधीश का काम सौंपा है। शनिवार को पूजा करते समय मंत्रों का जाप भी किया जाता है। यहां हम आपको बता रहे हैं शनिदेव के 10 नाम वाले मंत्र और जानें कैसे करें जाप।
शनिदेव के मंत्र:
कोणस्थ पिंगलो बभ्रु: कृष्णो रौद्रोन्तको यम:।
सौरि: शनैश्चरो मंद: पिप्पलादेन संस्तुत:।।
जानें शनिदेव के 10 नाम:
- कोणस्थ
- पिंगल
- बभ्रु
- कृष्ण
- रौद्रान्तक
- यम
- सौरि
- शनैश्चर
- मंद
- पिप्पलाद
इस तरह करें मंत्र का जाप:
- शनिवार को ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करें।
- फिर एक साफ जगह पर चौकी लगाकर शनिदेव की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
- इनके सामने शुद्ध घी का दीपक जलाएं। ध्यान रहे कि यह दीपक तब तक जलता रहे जब तक पूजा समाप्त न हो जाए।
- शनिदेव को नीले फूल अर्पित करें। फिर रुद्राक्ष की माला से मंत्रों का जाप करें।
- निम्नतम 5 माला का जाप अवश्य करें।