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Parama Ekadashi 2020: क्या है परमा एकादशी पर दान का महत्व, इस तरह करें पूजा

Parama Ekadashi हिन्दू धर्म में एकादशी तिथि और व्रत का बहुत ज्यादा महत्व है। एकादशी पर भगवान विष्णु की आराधना की जाती है। 13 अक्टूबर को परमा एकादशी है। यह एकादशी इस बार अधिक माह के कृष्ण पक्ष में आ रही है। यह एकादशी इस बार विशेष महत्व रखती है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Wed, 07 Oct 2020 07:00 AM (IST)Updated: Tue, 13 Oct 2020 07:10 AM (IST)
Parama Ekadashi: क्या है परमा एकादशी पर दान का महत्व, इस तरह करें पूजा

Parama Ekadashi 2020: हिन्दू धर्म में एकादशी तिथि और व्रत का बहुत ज्यादा महत्व है। एकादशी पर भगवान विष्णु की आराधना की जाती है। 13 अक्टूबर को परमा एकादशी है। यह एकादशी इस बार अधिक माह के कृष्ण पक्ष में आ रही है। यह एकादशी इस बार विशेष महत्व रखती है। मान्यता है कि एकादशी व्रत जीवन में सुख-समृद्धि लाता है। साथ ही इसका व्रत करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति भी होती है। अधिक मास में व्रत-उपवास, दान-पुण्य करने से व्यक्ति को मिलने वाला फल अधिक हो जाता है। आइए जानते हैं परमा एकादशी का मुहूर्त और और किस तरह करें व्रत:

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परमा एकादशी का मुहूर्त:

तिथि प्रारम्भ: 12 अक्टूबर 2020 शाम 04:38 मिनट से

तिथि समाप्त: 13 अक्टूबर 2020 दोपहर 02:35 मिनट तक

परमा एकादशी की व्रत विधि:

  • परमा एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत्त हो जाएं। फिर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  • फिर सूर्यदेव को अर्घ्य दें।
  • इसके बाद पितरों का श्राद्ध करें।
  • फिर भगवान विष्णु की उपासना करें।
  • इस दिन ब्राह्मण को फलाहार का भोजन जरूर कराएं। उन्हें दक्षिणा भी दें।
  • परमाा एकादशी की व्रत कथा अवश्य सुनें।
  • द्वादशी तिथि पर व्रत का पारण करें।

परमा एकादशी पर दान का महत्व:

शास्त्रों में बताया गया है कि परमा एकादशी पर दान का महत्व बहुत ज्यादा होता है। अगर व्यक्ति इस दिन धार्मिक पुस्तक, अनाज, फल, मिठाई दान करता है तो उसे शुभ फल प्राप्त होता है। अगर व्यक्ति किसी कारण के चलते यह व्रत न भी कर पाया तो भी उसे दान करने से व्रत का पुण्य प्राप्त होता है। हालांकि, दान करते समय व्यक्ति को यह ध्यान रखना होगा कि धार्मिक पुस्तक उसे ही दान करें जिनकी आस्था ईश्वर एवं धार्मिक पुस्तकों के प्रति आस्था रखता हो। 

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '


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