Move to Jagran APP

Papmochani Ekadashi 2023: खरमास में पापमोचनी एकादशी व्रत का विशेष महत्व, इस विधि से करें पूजा-पाठ

2023 Papmochani Ekadashi एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। इस विशेष दिन पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की उपासना का विधान है। इस वर्ष चैत्र में मास में खरमास और पापमोचनी एकादशी व्रत का संयोग बन रहा है जिसमें कुछ कार्य करने से जातकों को लाभ मिलता है।

By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraSat, 18 Mar 2023 07:08 AM (IST)
Papmochani Ekadashi 2023: खरमास में पापमोचनी एकादशी व्रत का विशेष महत्व, इस विधि से करें पूजा-पाठ
Papmochani Ekadashi 2023 पापमोचनी एकदशी पर जरूर करें ये काम।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Papmochani Ekadashi 2023 and Kharmas 2023:  हिन्दू धर्म में खरमास एवं एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। पंचांग के अनुसार चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर पापमोचनी एकादशी व्रत रखा जाता है। विशेष बात यह है कि खरमास में ही चैत्र मास के पहले एकादशी व्रत का संयोग बन रहा है।

धार्मिक ग्रंथों में बताया गा है कि चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को पड़ने वाले पापमोचनी एकादशी व्रत के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विधान है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की उपासना करने से सभी दुख दूर हो जाते हैं और साधकों को समस्त पापों से मुक्ति मिल जाती है। ऐसे में खरमास में पड़ रहे एकादशी के दिन कुछ उपाय करने से साधक को पुण्य के समान फल की प्राप्ति होती है और जीवन में धन-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। आइए जानते हैं-

पापमोचनी एकादशी 2023 कब?

चैत्र कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि प्रारंभ: 17 मार्च 2023, रात्रि 12 बजकर 36 मिनट

चैत्र कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि समाप्त: 18 मार्च 2023, सुबह 09 बजकर 43 मिनट पर

पापमोचनी एकादशी व्रत तिथि: 18 मार्च 2023, शनिवार

खरमास में पड़ रहे एकादशी व्रत पर करें ये कार्य

शास्त्रों में बताया गया है कि खरमास में साधकों को पूजा-पाठ करना चाहिए, साथ ही खरमास के नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए पवित्र स्नान जरूर करें। ऐसा करने से साधक को मानसिक, शारीरिक व आर्थिक रूप से भी लाभ मिलता है। मान्यता यह भी है कि खरमास में जप-तप, स्नान और दान से व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है।

इसलिए पापमोचनी एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान-ध्यान जरूर करें। स्नान करने से पहले पानी में गंगाजल जरूर मिला लें। इसके बाद सूर्य को अर्घ्य दें और फिर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का स्मरण करें। पापमोचनी एकादशी पर किसी जरूरतमंदों को तिल, नमक गुड़, घी, अन्न, वस्त्र या धन इत्यादि का दान जरूर करें।

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।