Surya Dev ke Upaye: आषाढ़ मास के अंतिम रविवार को ऐसे करें भगवान सूर्य को प्रसन्न
Surya Dev ke Upaye 18 जुलाई को आषाढ़ मास का अंतिम रविवार है इस दिन भगवान सूर्य की पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है। हम आयुर्वेद और भारतीय ज्योतिष के आधार पर आपको कुछ ऐसे उपाय बताएंगे जिन्हें अपनाने से आरोग्य की प्राप्ति होती है।
Surya Dev ke Upaye: हिंदू धर्म में आषाढ़ माह में सूर्य देव की पूजा का विधान है। मान्यता है कि आषाढ़ माह में विशेषकर रविवार को भगवान सूर्य को जल चढ़ाने से सभी प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती है। भविष्य पुराण में स्वयं भगवान कृष्ण ने सूर्य देव को प्रत्यक्ष देवता कहा है, जिनके हर दिन साक्षात दर्शन होते हैं। वैज्ञानिक दृष्टि से भी सूर्य की आरोग्य शक्ति को स्वीकार किया गया है। 18 जुलाई को आषाढ़ मास का अंतिम रविवार है इस दिन भगवान सूर्य की पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है। हम आयुर्वेद और भारतीय ज्योतिष के आधार पर आपको कुछ ऐसे उपाय बताएंगे जिन्हें अपनाने से आरोग्य की प्राप्ति होती है।
1-आषाढ़ मास के रविवार को प्रातःकाल उठकर पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए और इसके बाद भगवान सूर्य को जल से अर्घ्य चढ़ाएं । अगर नदी में स्नान करना संभव न हो तो घर पर ही पानी में गंगाजल डालकर नहाया जा सकता है।
2- भगवान सूर्य को अर्घ्य चढ़ाने के लिए तांबे के लोटे का प्रयोग करें। इसमें अछत और लाल फूल डालकर सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए।
3- अर्घ्य देते समय भगवान सूर्य को प्रणाम करते हुए सूर्य देव के “ ऊं रवये नम:।“ मंत्र का जाप करना चाहिए। इस मंत्र का जाप करने से शक्ति, बुद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।
4- भगवान सूर्य को जल चढ़ाने के बाद धूप,दीप और नैवेद्य से सूर्य देव का पूजन करें।
5- आषाढ़ माह के रविवार को तांबे का बर्तन, पीले या लाल रंग के कपड़े, गेहूं, गुड़ या लाल चंदन का दान करना चाहिए। ऐसा करने से कुण्डली में व्याप्त सूर्य दोष समाप्त होता है।
6- हिंदू धर्म ग्रंथों में आषाढ़ महीने में विशेषकर रविवार को सूर्योदय से पहले नहाकर उगते हुए सूरज को जल चढ़ाने का विधान है। मान्यता है कि ऐसा करने से सभी प्रकार के रोग दूर होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
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