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Navratri 2019 Vrat Niyam: मां दुर्गा के व्रत में अनिवार्य हैं ये 10 चीजें, जानें ये भी महत्वपूर्ण बातें

Navratri 2019 Vrat Niyam Durga Puja Vrat Niyam नवरात्रि के समय में मां दुर्गा की पूजा और व्रत से जुड़े कुछ नियम होते हैं जिनका पालन करना आवश्यक होता है।

By kartikey.tiwariEdited By: Published: Thu, 03 Oct 2019 01:01 PM (IST)Updated: Thu, 03 Oct 2019 01:01 PM (IST)
Navratri 2019 Vrat Niyam: मां दुर्गा के व्रत में अनिवार्य हैं ये 10 चीजें, जानें ये भी महत्वपूर्ण बातें
Navratri 2019 Vrat Niyam: मां दुर्गा के व्रत में अनिवार्य हैं ये 10 चीजें, जानें ये भी महत्वपूर्ण बातें

Navratri 2019 Vrat Niyam: नवरात्रि के समय में मां दुर्गा की पूजा और व्रत से जुड़े कुछ नियम होते हैं, जिनका पालन करना प्रत्येक व्यक्ति के लिए आवश्यक होता है। मां दुर्गा की आराधना करने वाले व्यक्तियों को व्रत और पूजा के नियमों के बारे में जानना चाहिए। धार्मिक शास्त्रों में व्रत से जुड़ी 10 अनिवार्य बातें बताई गई हैं, जिनका पालन जरूरी है। व्रत के समय इन नियमों का पालन किया जाए तो आपकी पूजा फलदायी और कल्याणकारी होगी। 

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ज्योतिषाचार्य पं. गणेश प्रसाद मिश्र बताते हैं कि नवरात्रि के व्रत में क्षमा, सत्य, दया, दान, शौच, इन्द्रियनिग्रह, देवपूजा, हवन, संतोष और अचौर्य ये दस तत्व व्रत के लिए अनिवार्य होते हैं।

1. व्रत के समय में सत्य बोलना चाहिए।

2. व्यक्ति को क्षमावान होना चाहिए।

3. दूसरों के प्रति दया का भाव रखें।

4. व्रत में दान करें।

5. प्रात:काल में दैनिक क्रियाओं जैसे शौच, स्नान आदि से निवृत रहना चाहिए।

6. इंद्रियों पर संयम रखना चाहिए।

7. व्रत के दौरान मां दुर्गा की पूजा अर्चना जरूर करें।

8. हवन अवश्य करें।

9. मन में संतोष का भाव रखें।

10. चोरी न करें।

व्रत के महत्वपूर्ण नियम

शास्त्रों के अनुसार, व्रत के दिन दातून या ब्रश से मुख नहीं धोना चाहिए। अधिक आवश्यक हो तो जल के 12 कुल्ले करें अथवा आम के पल्लव, जल या अंगुली से दांतो को साफ कर लें।

व्रत में ये काम न करें

1. व्रत में दो बार से अधिक जल न पीएं। प्राणसंकट आने पर अधिक बार भी जल ले सकते हैं।

2. व्रत के समय दिन में नहीं सोना चाहिए।

3. केवल गाय के दुध का सेवन करें।

4. मसूर, जम्बीरी, नींबू, चूना न खाएं।

5. अश्रुपात तथा क्रोध न करें। जुआ न खेलें।

6. झूठ बोलना, पक्वान्न की सुगंध लेना। दूसरे के घर फलाहार या पारण करना वर्जित है।

7. तेल-उबटन लगाना, बिना धुला वस्त्र पहनना निषिद्ध है।

8. कांस्य के पात्र में भोजन करना, दो बार फलाहार लेना, मधु खाना आदि वर्जित माना गया है।

9. कायिक, वाचिक और मानसिक 10 पापों से बचें। ( तीन कायिक- दूसरों की वस्तु लेना, हिंसा करना, परस्त्रीगमन। चार वाचिक- कठोर वचन, असत्य भाषण, चुगली और प्रलाप करना। तीन मानसिक- परधन पर नजर, दूसरे का अनिष्ट, मिथ्याकार्यों को करना)

व्रत में क्या खएं

सावाँ, तिन्नी, कुट्टू, सिंघाड़ा, तिल, कन्द, गो-दुग्ध, गो दही, आलू, आम्रफल, केला, नारियल, हर्रे, पिप्पली, जीरा, सोंठ, आँवला, बड़हल, भूमि के अन्दर उत्पन्न होने वाला कन्द-मूल आदि सफेद पदार्थ (लाल नहीं), ईख का रस।


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