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Mohini Ekadashi 2022: मोहिनी एकादशी पर बन रहा खास संयोग, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

Mohini Ekadashi 2022 वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी का काफी अधिक महत्व है। भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा करने से सभी कष्टों से छुटकारा मिलने के साथ पाप से मुक्ति मिलती है। जानिए मोहिनी एकादशी का शुभ मुहूर्त पूजा विधि और महत्व।

By Shivani SinghEdited By: Published: Wed, 11 May 2022 09:36 AM (IST)Updated: Thu, 12 May 2022 11:32 AM (IST)
Mohini Ekadashi 2022: मोहिनी एकादशी पर बन रहा खास संयोग, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व
Mohini Ekadashi 2022: जानिए मोहिनी एकादशी का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि

नई दिल्ली, Mohini Ekadashi 2022:  वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी का विशेष महत्व है। इसे मोहिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। गुरुवार के दिन होने के कारण इस व्रत का महत्व और भी अधिक बढ़ गया है। क्योंकि एकादशी के साथ-साथ गुरुवार का दिन भी भगवान विष्णु को समर्पित है। इस एकादशी के दिन पूजा पाठ और व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। आइए जानते हैं मोहिनी एकादशी का शुभ मुहूर्त, और पूजा विधि।

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मान्यता है कि वैशाख शुक्ल में पड़ने वाली एकादशी के दिन भगवान विष्णु ने मोहिनी का अवतार रखा था। इस दिन व्रत करने के साथ विधि पूर्वक भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी दुखों से छुटकारा मिलता है और कथा सुनने या पढ़ने से एक हजार गायों को दान देने के बराबर पुण्य मिलता है।

मोहिनी एकादशी शुभ मुहूर्त

तिथि- 12 मई को उदया तिथि होने के कारण मोहिनी एकादशी इसी दिन मनाई जाएगी।

मोहिनी एकादशी तिथि प्रारंभ: 11 मई 2022 को शाम 7 बजकर 31 मिनट से

मोहिनी एकादशी तिथि समाप्त: 12 मई 2022 को शाम 6 बजकर 51 मिनट तक।

मोहिनी एकादशी व्रत पारण का समय: 13 मई को प्रातः 7 बजकर 59 मिनट तक

मोहिनी एकादशी की पूजा विधि

इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर साफ-सुथरे वस्त्र पहन लें। इसके बाद भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें। इसके बाद पूजा घर में भगवान विष्णु की आराधना करें। उन्हें पीले रंग के फूल, माला, पीला चंदन, अक्षत आदि चढ़ा दें। इसके बाद भोग में मिठाई के साथ-साथ तुलसी दल चढ़ा दें। फिर घी का दीपक जलाकर विष्णु जी के मंत्र, चालीसा और कथा का पाठ करें। अंत में भगवान की आरती करके भूल चूक के लिए माफी मांग लें।

मोहिनी एकादशी का महत्व

मोहिनी एकादशी को लेकर मान्यता प्रचलित है कि जो व्यक्ति इस व्रत को रखता है उसके मन से सभी प्रकार के मोह का त्याग हो जाता है। इस व्रत को सर्वश्रेष्ठ कहा जाता है। इस व्रत को करने के साथ-साथ मोहिनी एकादशी व्रत की कथा को पढ़ने या फिर सुनने से एक हजार गायों को दान करने के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है। अगर कोई व्यक्ति इस व्रत को नहीं रख पा रहा है तो सुबह उठकर स्नान आदि करने के बाद भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करें। इसके साथ ही भगवान विष्णु को पीला चंदन के अलावा जौ चढ़ाएं।

Pic Credit- Instagram/_jadevine15_

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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