Masik Karthigai 2020: आज है मासिक कार्तिगाई दीपम, जानें-क्या है इसकी कथा और पूजा विधि
Masik Karthigai 2020 ऐसा कहा जाता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन से नकारात्मक तत्वों का नाश होता है। जबकि जीवन में नवीन ऊर्जा का संचार होता है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Masik Karthigai 2020: तमिल पंचांग के अनुसार, आज मासिक कार्तिगाई दीपम है। यह पर्व हर महीने कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन मनाया जाता है। इस दिन प्रदोष व्रत भी मनाया जाता है। हालांकि, प्रदोष व्रत उत्तर भारत में मनाया जाता है, जबकि मासिक कार्तिगाई दीपम दक्षिण भारत में मनाया जाता है। खासकर, तमिल समुदाय के लोग इसे धूमधाम से मनाते हैं। आज के दिन भगवान शिव जी की ज्योत रूप में पूजा की जाती है। साथ ही त्रयोदशी की शाम में दीपावली की तरह पंक्ति बद्ध तरीके में ज्योत जलाए जाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन से नकारात्मक तत्वों का नाश होता है। जबकि जीवन में नवीन ऊर्जा का संचार होता है। आइए, अब पूजा का शुभ मुहर्त और महत्व जानते हैं-
कार्तिगाई दीपम महत्व
तमिल धार्मिक ग्रंथों के अनुसार-चिरकाल में एक बार भगवान ब्रह्मा और विष्णु के बीच श्रेष्ठता को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया। उस समय विवाद के निपटारे के लिए भगवान शिव ने स्वयं को दिव्य ज्योत में बदल लिया था। कालांतर से इस पर्व को मनाने का विधान है।
कार्तिगाई दीपम पूजा का शुभ मुहूर्त
हिंदी पंचांग के अनुसार, व्रती त्रयोदशी के दिन भगवान शिव की पूजा दिनभर कर सकते हैं। जबकि कार्तिगाई दीपम अर्थात दीप जलाने का शुभ मुहूर्त संध्याकाल में 7 बजकर 21 मिनट से शुरू होकर रात्रि में 9 बजकर 22 मिनट तक है। कार्तिगाई दीपम पूजा इस दिन प्रातः काल शुभ मुहूर्त में उठें। इसके बाद स्नान-ध्यान से निवृत होकर व्रत संकल्प लें।
तत्पश्चात, भगवान शिव जी की पूजा-उपासना सच्ची श्रद्धा और भक्ति से करें। अगर आप दिनभर उपवास रख पाने में सक्षम नहीं हैं तो फलाहार कर सकते हैं। संध्याकाल में शुभ मुहूर्त के समय दीप प्रज्वलित कर भगवान शिव का आह्वान करें और उनसे परिवार के कुशल मंगल की प्रार्थना करें। इसके बाद भोजन ग्रह करें। अगले दिन पूजा-पाठ संपन्न कर व्रत खोलें।