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Makar Sankranti 2021: आज मकर संक्रांति पर ऐसे करें पूजा, जानें विधि, मंत्र और शुभ मुहूर्त

Makar Sankranti 2021 पौष मास में जब मकर राशि में सूर्य प्रवेश करता है तब मकर संक्रांति का त्यौहार मनाया जाता है। यह पर्व 14 जनवरी को आता है। मान्यता है कि इसी दिन सूर्यदेव अपने पुत्र शनि से मिलने आते हैं।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Wed, 13 Jan 2021 08:00 AM (IST)Updated: Thu, 14 Jan 2021 05:48 AM (IST)
Makar Sankranti 2021: आज मकर संक्रांति पर ऐसे करें पूजा, जानें विधि, मंत्र और शुभ मुहूर्त
Makar Sankranti 2021: मकर संक्रांति पर ऐसे करें पूजा, जानें विधि, मंत्र और शुभ मुहूर्त

Makar Sankranti 2021: पौष मास में जब मकर राशि में सूर्य प्रवेश करता है तब मकर संक्रांति का त्यौहार मनाया जाता है। यह पर्व 14 जनवरी को आता है। मान्यता है कि इसी दिन सूर्यदेव अपने पुत्र शनि से मिलने आते हैं। इसके चलते भी यह पर्व बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है। वहीं, कुछ मान्यताएं ऐसी भी हैं कि इसी दिन शुक्र का उदय होता है और इसी दिन से शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाती है। आइए जानते हैं मकर संक्रांति का पुण्य काल, पूजा विधि और मंत्र।

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मकर संक्रान्ति पुण्य काल:

14 जनवरी को मकर संक्रांति का पुण्य काल सुबह 08 बजकर 30 मिनट से शाम को 05 बजकर 46 मिनट तक है। वहीं, मकर संक्रान्ति का महा पुण्य काल 01 घंटा 45 मिनट का है, जो सुबह 08 बजकर 30 मिनट से दिन में 10 बजकर 15 मिनट तक है।

मकर संक्रांति पर ऐसे करें पूजा:

  • इस दिन सुबह जल्दी उठना चाहिए। फिर नित्यकर्मों से निवृत्त हो जाएं। नहाने के पानी में तिल मिलाएं और उसी से नहाएं।
  • इस दिन आपको कपड़े पहनने चाहिए। फिर दाहिने हाथ में जल ले और पूरे दिन बिना नमक खाए व्रत करने का संकल्प लें।
  • इस दिन आपको अपने सामर्थ्यनुसार दान करने का संकल्प लेना चाहिए।
  • इसके बाद सूर्यदेव को तांब के लोटे में जल लेकर शुद्ध जल अर्पित करें। इस जल में लाल फूल, लाल चंदन, तिल और थोड़ा-सा गुड़ मिला लें।
  • जो जल आप सूर्य को चढ़ा रहे हैं उसे तांब के बर्तन में ही गिराएं। जो जल इस बर्तन में इक्ट्ठा हो उसे जल मदार के पौधे में डाल दें।

सूर्य को जल चढ़ाते हुए बोलें ये मंत्र:

सूर्य को जल चढ़ाते हुए इस मंत्र का करें जाप। मंत्र: ऊं घृणि सूर्यआदित्याय नम:

सूर्यदेव की पूजा करते समय इन मंत्रों का भी करें जाप:

ऊं सूर्याय नम:

ऊं आदित्याय नम:

ऊं सप्तार्चिषे नम:

ऊं सवित्रे नम: ,

ऊं मार्तण्डाय नम: ,

ऊं विष्णवे नम:

ऊं भास्कराय नम:

ऊं भानवे नम:

ऊं मरिचये नम:

डिस्क्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '  


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