जानें, क्यों किया जाता है मंगलवार व्रत और क्या हैं इसके लाभ
धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत को करने से बलशाली और बुद्धिमान पुत्र की प्राप्ति होती है। खासकर छात्रों को बल बुद्धि और विद्या हेतु हनुमान जी की पूजा जरूर करनी चाहिए।
दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। मंगलवार के दिन मर्यादा पुरुषोत्तम राम के अनन्य और परम भक्त हनुमान जी की पूजा-उपासना की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत को करने से बलशाली और बुद्धिमान पुत्र की प्राप्ति होती है। खासकर छात्रों को बल, बुद्धि और विद्या हेतु हनुमान जी की पूजा जरूर करनी चाहिए। आइए, मंगलवार व्रत कथा और इसके लाभ जानते हैं -
मंगलवार व्रत कथा
पौरणिक कथा अनुसार, प्राचीन काल में एक ब्राह्मण दम्पत्ति रहते थे, जिनकी कोई संतान न थी। इसके लिए ब्राह्मणी मंगलवार व्रत किया करती थी। हर मंगलवार को हनुमान जी को भोग लगाने के बाद ही वह खाती थी। एक मंगलवार को वह किसी कारणवश हनुमान जी को भोग नहीं लगा सकी।
इससे वह काफी दुखी हो गई। तब ब्राह्मणी ने प्रतिज्ञा की कि वह अगले मंगलवार को हनुमान जी को भोग लगाने के बाद ही भोजन ग्रहण करेगी। ब्राह्मणी ने भूखे-प्यासे 6 दिन किसी तरह गुजारे, लेकिन सांतवें दिन वह मूर्छित होकर गिर पड़ीं। तब हनुमान जी ने प्रकट होकर ब्राह्मणी को पुत्र रत्न दिया।
जब ब्राह्मण को इस बात की जानकारी हुई तो उसने बालक को अपना पुत्र मानने से इंकार कर दिया और उसका वध करने की ठानी।हालांकि, ब्राह्मण इसमें सफल नहीं पाया। तब हनुमान जी ने स्वप्न में आकर उन्हें ज्ञात कराया कि मंगल तुम्हारा पुत्र है। इसके बाद ब्राह्मण ने हनुमान जी से क्षमा याचना की। कालांतर से इस व्रत को करने का विधान है। इस व्रत को करने से संतान की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी दुःख-संकट दूर हो जाते हैं।
पूजा विधि
व्रती को श्रद्धा भाव से कम से कम 21 मंगलवार लगातार व्रत करना चाहिए। इस दिन स्नानादि से निवृत होकर हनुमान जी को ध्यान कर व्रत संकल्प लें। इसके बाद हनुमान जी की पूजा लाल, पुष्प, लाल फल, लाल मिठाइयां, धूप-दीप, चंदन, अक्षत, तंदुल और दूर्वा से करें। हनुमान चालीसा, सुंदर कांड और बजरंग बाण का जाप करें। दिन भर उपवास रखें। संध्याकाल में आरती अर्चना के बाद फलाहार करें।