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Vinayaka Chaturthi 2021: विनायक चतुर्थी पर ऐसे करें गणेश जी को प्रसन्न, होगी सभी मनोकामना पूरी

Vinayaka Chaturthi 2021 धार्मिक ग्रंथों में लिखा है कि भाद्रपद में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को भगवान श्री गणेश जी का जन्म हुआ है। इसके साथ ही हर महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी मनाने का विधान है।

By Umanath SinghEdited By: Published: Fri, 03 Dec 2021 10:08 AM (IST)Updated: Fri, 03 Dec 2021 10:08 AM (IST)
Vinayaka Chaturthi 2021: विनायक चतुर्थी पर ऐसे करें गणेश जी को प्रसन्न, होगी सभी मनोकामना पूरी
Vinayaka Chaturthi 2021: विनायक चतुर्थी पर ऐसे करें गणेश जी को प्रसन्न

Vinayaka Chaturthi 2021: हिंदी पंचाग के अनुसार, हर महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी मनाई जाती है। इस प्रकार मार्गशीर्ष माह में विनायक चतुर्थी 7 दिसंबर को है। इस दिन भगवान श्री गणेश जी की पूजा-उपासना की जाती है। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से व्रती के सभी दुःख, दर्द और संकट दूर हो जाते हैं। धार्मिक ग्रंथों में लिखा है कि भाद्रपद में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को भगवान श्री गणेश जी का जन्म हुआ है। इसके साथ ही हर महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी मनाने का विधान है। ऐसी मान्यता है कि विनायक चतुर्थी के दिन सच्ची श्रद्धा से विघ्नहर्ता श्री गणेश की पूजा-उपासना करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। अगर आप भी गणेश जी की कृपा पाना चाहते हैं, तो ऐसे बप्पा को प्रसन्न करें। आइए जानते हैं-

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-धार्मिक मान्यता है कि महज अक्षत और दूर्वा से भी गणेश जी प्रसन्न हो जाते हैं। इसके लिए पूजा में अक्षत यानी चावल और दूर्वा (घास) जरूर शामिल करें।

-भगवान गणेश जी को पीला पुष्प और मोदक अति प्रिय है। अतः उन्हें पीले पुष्प और मोदक अवश्य भेंट करें।

-भगवान गणेश जी की कृपा पाने के लिए रोजाना दूर्वा अर्पित करें। एक चीज ध्यान रखें कि दूर्वा हमेशा गणेश जी के मस्तक पर अर्पित करें। इससे गणेश जी बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं।

-इस दिन पूजा-पाठ के पश्चात गरीबों और असहाय लोगों की सहायता अवश्य करें। इससे गणपति बप्पा प्रसन्न होते हैं और साधक की सभी मनोकामना पूर्ण करते हैं।

-अगर कोई व्यक्ति भगवान गणेश की निरंतर एकाग्रचित होकर पूजा करता है, तो उस साधक के जीवन में धैर्य का आगमन होता है। निम्न मंत्र का जाप करें।

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।

निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥

इस मंत्र के जरिए बप्पा से सभी दुःख दूर करने की कामना की जाती है। इस मंत्र का अर्थ है- हे प्रभु! आप विशालकाल शरीर वाले, सहस्त्र सूर्य के समतुल्य महान है। आप मेरे सभी विघ्नों को हर लें और सभी बिगड़े काम बना दें। अपनी कृपा मुझ पर बनाए रखें। इस मंत्र के जाप से व्यक्ति के सभी काम बन जाते हैं।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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