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Sawan Aur Bel Patra : जानिये वह कौन सा पत्ता है जिसके बिना सावन में भगवान शिव की पूजा रह जाती है अधूरी

Sawan Aur Bel Patra शिव की पूजा में बेलपत्र का बहुत ही महत्व है क्योंकि यह शिव को बहुत ही प्रिय है। मान्यता है कि बिना बेलपत्र के शिव की उपासना सम्पूर्ण नहीं होती है। बेलपत्र के पत्‍तों को ही बिल्वपत्र भी कहा जाता है।

By Ritesh SirajEdited By: Published: Sun, 25 Jul 2021 04:56 PM (IST)Updated: Sun, 25 Jul 2021 04:56 PM (IST)
Sawan Aur Bel Patra : जानिये वह कौन सा पत्ता है जिसके बिना सावन में भगवान शिव की पूजा रह जाती है अधूरी
जानिये वह कौन सा पत्ता है जिसके बिना सावन में भगवान शिव की पूजा रह जाती है अधूरी

Sawan Aur Bel Patra : सावन की शुरुआत हो गई है। यह माह भगवान शंकर को बहुत ही प्रिय है। सावन में शिव पूजा से व्यक्ति के सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। इसलिए भगवान शिव की पूजा पूरे विधि-विधान से किया जाता है। शिव की पूजा में बेलपत्र का बहुत ही महत्व है क्योंकि यह शिव को बहुत ही प्रिय है। मान्यता है कि बिना बेलपत्र के शिव की उपासना सम्पूर्ण नहीं होती है। बेलपत्र के पत्‍तों को ही बिल्वपत्र भी कहा जाता है। बेलपत्र में तीन पत्तियां एक साथ जुड़ी होती हैं। पुराणों के अनुसार बेलपत्र और जल से भगवान शंकर का मस्तिष्क शीतल रहता है। आइये जानते हैं बेलपत्र चढ़ाने और तोड़ने के नियम।

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ऐसे चढ़ाएं बेलपत्र

1. सावन में भगवान शिव को बेलपत्र हमेशा उल्टा करके अर्पित करना चाहिए। मतलब पत्ते का चिकना भाग शिवलिंग के ऊपर होना चाहिए।

2. बेलपत्र 3 से लेकर 11 दलों तक के होते हैं। जितने अधिक दल के होंगे पत्र उतना ही उत्तम माना जाता है। जाते हैं। 

3. बेलपत्र में चक्र और वज्र नहीं होना चाहिए। इसके अलावा श‍िवलिंग पर चढ़ाए बेलपत्र की उपेक्षा नहीं करना चाहिए। 

ऐसे तोड़े बेलपत्र

1. सावन में चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी और अमावस्या तिथ‍ियों को बेलपत्र को नहीं तोड़ना चाहिए।

2. बेलपत्र तोड़ते वक्त कभी भी पूरी टहनी नहीं तोड़नी चाहिए बल्कि पत्तों को चुनकर तोड़ लेना चाहिए।

3. बेलपत्र न मिलने की स्थिति में दूसरों के चढ़ाए बेलपत्र को धोकर उनका प्रयोग कर सकते है।

4. सावन में बेलपत्र तोड़ते वक्त इतना ध्यान रखना चाहिए कि पेड़ को कोई नुकसान न पहुंचे।

5. सावन में बेलपत्र तोड़ने से पहले और बाद में वृक्ष को मन ही मन प्रणाम कर लेना चाहिए।

6. सोमवार और सं‍क्रांति के समय बेलपत्र को नहीं तोड़ना चाहिए।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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