आज है नृसिंह जयंती जानें इसकी पूजा विधि
शक्ति और न्याय धर्म के प्रतीक माने जाते है नृसिंह जो विष्णु जी के अवतार हैं। 28 अप्रैल 2018 को उनकी ही जयंती मनायी जायेगी।
पराक्रम के देवता
भगवान श्री नृसिंह शक्ति तथा पराक्रम के प्रमुख देवता हैं। वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को नृसिंह जयंती का व्रत किया जाता है। इस बार ये दिन 28 अप्रैल 2018 को पड़ रहा है। इस दिन भगवान श्री नृसिंह ने खंभे को चीरकर भक्त प्रह्लाद की रक्षार्थ अवतार लिया था। इसलिए इस दिन उनका अवतरण या जयंती उत्सव मनाया जाता है। आइये जानें की इस दिन उनकी पूजा किस प्रकार की जाती है।
नृसिंह जयंती पूजा एवम् व्रत
इस दिन प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में सोकर उठें और पूरे घर की साफ सफाई करें। इसके बाद गंगा जल या गौमूत्र का छिड़काव कर पूरा घर पवित्र करें। इसके बाद पुन शुद्ध जल से स्नान करें। पूजा के स्थान को गोबर से लीप कर, वहां कलश में तांबा इत्यादि डालकर उसमें अष्टदल कमल बनायें। इस अष्टदल कमल पर सिंह, भगवान नृसिंह तथा लक्ष्मीजी की मूर्ति स्थापित करें। इसके बाद वेद मंत्रों से इनकी प्राण-प्रतिष्ठा कर षोडशोपचार से पूजन करें। नृसिंह की पूजा में नीचे गए मंत्र का अत्यधिक महत्व होता है।
पूजा मंत्र
भगवान नृसिंह के पूजन का मंत्र इस प्रकार है नृसिंह देवदेवेश तव जन्मदिने शुभे। उपवासं करिष्यामि सर्वभोगविवर्जितः। इस मंत्र के पाठ के साथ दोपहर के समय क्रमशः तिल, गोमूत्र, मृत्तिका और आंवला मल कर चार बार स्नान करें। अंत में रात्रि में गायन, वादन, पुराण श्रवण या हरि संकीर्तन के साथ जागरण करें। दूसरे दिन फिर पूजन कर ब्राह्मणों को भोजन करा कर व्रत पूजन संपन्न करें।