Move to Jagran APP

विधि-विधान से करें विनायक चतु‍र्थी का व्रत

विघ्नों का नाश करने के लिए 29 मई को व‍िनायक चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा। इस व्रत को विधि-विधान से करने से गणेश जी जल्‍दी प्रसन्‍न होते हैं। जानें विधि-विधान से कैसे करें व्रत...

By shweta.mishraEdited By: Published: Sun, 28 May 2017 03:02 PM (IST)Updated: Sun, 28 May 2017 03:14 PM (IST)
विधि-विधान से करें विनायक चतु‍र्थी का व्रत
विधि-विधान से करें विनायक चतु‍र्थी का व्रत

वरद व‍िनायक चतुर्थी भी कहते: 

loksabha election banner

व‍िध्‍नहरण मंगलकरण यानि‍ क‍ी विघ्नों का नाश करने के लिए लोग गणपति की उपासना करते हैं। वैसे तो गणेश जी की पूजा हर द‍िन और सबसे पहले होती है, लेक‍िन व‍िनायक चतु‍र्थी का द‍िन भक्‍तों के ल‍िए खास होता है। चतुर्थी तिथि भगवान गणेश की तिथि मानी जाती है। हर माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी और कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं। ऐसे में कल 29 मई सोमवार को व‍िनायक चतुर्थी पर सिद्धि विनायक श्री गणेश जी का व्रत रखा जाएगा। विनायक चतुर्थी को वरद विनायक चतुर्थी भी कहते हैं। 



 

पूजा दोपहर को मध्याह्न काल में: 

ह‍िंदू कैलेण्डर के विनायक चतुर्थी के दिन गणेश जी की पूजा दोपहर को मध्याह्न काल में शुभ मानी जाती है। ह‍िंदू शास्‍त्रों के मुताबकि व‍िनायक चतुर्थी का व्रत पूरे द‍िन स्‍वच्‍छ मन से रखना चाह‍िए। हालांक‍ि जो लोग व्रत रखने में असमर्थ हैं वह गणेश जी की पूजा के बाद अन्‍न ग्रहण कर सकते हैं। इस द‍िन सुबह उठकर स्‍नान आद‍ि करें। इसके बाद गण्‍ोश जी के सामने हाथ जोड़कर व‍िनायक चतुर्थी का व्रत करने का संकल्‍प लें। फ‍िर दोपहर को मध्याह्न काल एक पाटे पर लाल कपड़ा ब‍िछाकर उस पर गणेश जी छोटी प्रत‍िमा या फ‍िर कैलेंडर आद‍ि रखें। इसके बाद कलश स्‍थाप‍ित कर व‍िध‍िव‍िधान से उनकी पूजा करें व कथा पढ़ें। आरती कर पूजा समाप्‍त करें। 



 

प्रसाद में मोदक भोग जरूर लगाएं: 

गणेश जी के सामने प्रसाद में मोदक का भोग जरूर लगाएं। मान्‍यता है क‍ि अगर गणपति पूजा में मोदक का भोग नहीं लगाया तो वह व्रत व पूजा अधूरे माने जाते हैं। गणेश जी को मोदक बहुत पसंद हैं। व‍िनायक चतुर्थी का व्रत रखने वाले को इस खास द‍िन पर गणेश जी के इन 10 नामों को पढ़ते हुए 21 दुर्वा उन पर चढ़ानी चाहि‍ए। ॐ गणाधिपाय नम, ॐ उमापुत्राय नम, ॐ विघ्ननाशनाय नम, ॐ विनायकाय नम, ॐ ईशपुत्राय नम, ॐ सर्वसिद्धिप्रदाय नम, ॐ एकदंताय नम, ॐ  इभवक्ताय नम, ॐ मूषकवाहनाय नम,ॐ कुमारगुरवे नम। इससे गणेश जी अपने भक्‍तों पर प्रसन्‍न उनकी हर बाधा को दूर करते हैं। उनकी हर मनोकामना पूर्ण करते हैं। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.