अगर 10 दिन से पहले कर रहे हैं विसर्जन तो इस तरह से करें गणेश जी को विदा
जिस तरह से गणेश चतुर्थी पर गणेश जी को विधिवत स्थापित किया जाता है। उसी तरह ससम्मान उनका विसर्जन भी करना जरूरी होता है। ऐसे में जानें कैसे करें गणेश विसर्जन...
प्रस्थान के लिए तैयार करें
25 अगस्त को गणेश चतुर्थी के दिन से गणेश महोत्सव की शुरुआत हुई थी। यह उत्सव 10 दिन तक यानी कि 5 सितंबर तक चलेगा। हालांकि कुछ लोग अपने घरों व मोहल्लों में डेढ़ दिन, तीन दिन, पांच और सात दिन के लिए गणेश जी की मूर्ति स्थापित करते हैं। उसके बाद उसे विसर्जित करते हैं। ऐसे में जिस तरह गणेश जी की विधिवत स्थापना की जाती है। उसी तरह उनका विधिवत विसर्जन करना भी जरूरी होता है। शास्त्रों के मुताबिक विसर्जन शब्द का अर्थ पानी में विलीन होना होता है। इसलिए स्थापना के बाद ही गणेश जी का विसर्जन पानी में किया जाता है। ऐसे में भगवान श्री गणेश जी को विसर्जित करने से पहले स्थापित जगह से थोड़ा हटाकर प्रस्थान के लिए तैयार करें।
विसर्जन से पहले ऐसे करें पूजा
स्थापित मूर्ति से एक इंच दूरी पर चौकी रखें और उस पर स्वास्तिक बनाएं। इसके बाद उस पर अक्षत फैलाएं और एक लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। उस चौकी फूल, सुपारी, पान आदि चढ़ाएं। इसके बाद गजानन को उस चौकी पर बैठाएं और भगवान गणेश पर जल छिड़कर फूल चढ़ाएं। अक्षत नैवेद्य से उनकी पूजा अर्चना करने के साथ ही उन्हें जनेऊ पहनाएं। गणेश जी को अति पसंद मोद्क से भोग लगाएं। इसके बाद उन्हें हंसी-खुशी, भजन आदि गाते हुए किसी नदी, तालाब आदि के किनारे ले जाएं। वहां पर गणपति की लौंग, कपूर और बाती से आरती करें। फिर उनसे अनजाने में हुई भूल आदि के लिए क्षमा मांगे। इसके बाद अगले साल आने का निमंत्रण देकर उन्हें धीरे से पानी में विसर्जित कर दें।