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Hariyali Amavasya 2021 : कब है हरियाली अमावस्या? जानिये इस व्रत की तिथि और इसके धार्मिक महत्व को

Hariyali Amavasya 2021 हिंदी पंचांग के अनुसार प्रत्येक मास में पड़ने वाले अमावस्या के दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए व्रत रखा जाता है। सावन अमावस्या को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे हरियाली अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है

By Ritesh SirajEdited By: Published: Thu, 05 Aug 2021 02:55 PM (IST)Updated: Thu, 05 Aug 2021 02:55 PM (IST)
कब है हरियाली अमावस्या? जानिये इस व्रत की तिथि और इसके धार्मिक महत्व को

Hariyali Amavasya 2021 : हिंदू धर्म में सावन मास बहुत ही पवित्र माना जाता है। इस मास में पड़ने वाले सभी पर्व का विशेष महत्व हैं। वैसे भी भगवान शिव को सावन बहुत प्रिय है। हिंदी पंचांग के अनुसार प्रत्येक मास में पड़ने वाले अमावस्या के दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए व्रत रखा जाता है। सावन अमावस्या को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे हरियाली अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इस दौरान बारिश के साथ-साथ चारों तरफ हरियाली होती है। सावन अमावस्या 8 अगस्त दिन रविवार के मनाया जाएगा। मान्यता के अनुसार इस दिन पवित्र नदी में स्नान करके पितरों को पिंडदान, श्राद्ध कर्म किया जाता है। आइये जानते हैं कि सावन अमावस्या के तिथि और धार्मिंक महत्व को

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हरियाली अमावस्या शुभ मुहूर्त

श्रावण मास की अमावस्या तिथि का प्रारंभ : 07 अगस्त दिन शनिवार को शाम 07 बजकर 11 मिनट से

श्रावण मास की अमावस्या तिथि का समापन : 08 अगस्त दिन रविवार को शाम 07 बजकर 19 मिनट तक

स्नान दान के लिए उदया ति​थि मान्य होती है इसलिए सावन माह की हरियाली अमावस्या 08 अगस्त को मनाया जाएगा

हरियाली अमावस्या का महत्व

सावन मास कृष्ण पक्ष के शिवरात्रि के अगले दिन अमावस्या का पर्व मनाया जाता है। इस दिन प्रातःकाल किसी पवित्र नदी में स्नान और दान का विशेष महत्व है। सावन हरियाली के दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए दान, पूजा पाठ, श्राद्ध कर्म आदि करना चाहिए। मान्यता के अनुसार इस दिन पेड़ पौधों की विशेष रूप से पूजा की जाती है। इसीलिए इसे हरियाली अमावस्या कहा जाता है। इस दिन पीपल और तुलसी के पौधे की पूजा करते हैं। पुराणों के अनुसार पीपल के पेड़ में त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास माना जाता है। इस दिन पेड़ लगाने से शुभ फल की प्राप्ति और जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। 

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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