Kalratri Nisha Puja 2020: आज महासप्तमी को करें कालरात्रि निशा पूजा, जानें मुहूर्त, मंत्र और कवच के बारे में
Kalratri Nisha Puja 2020 आज शारदीय नवरात्रि की सप्तमी तिथि के अनुसार मां दुर्गा के कालरात्रि स्वरुप की पूजा की जाती है। आइए जानते हैं कि आज कालरात्रि की निशा पूजा का मुहूर्त क्या है मंत्र तथा उनके कवच क्या हैं?
Kalratri Nisha Puja 2020: आज शारदीय नवरात्रि की सप्तमी तिथि के अनुसार, मां दुर्गा के कालरात्रि स्वरुप की पूजा की जाती है। देवी कालरात्रि कृष्ण वर्ण यानी काले रंग की हैं, इस वजह से उन्हें कालरात्रि कहा गया है। उनका वाहन गर्दभ है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मां आदिशक्ति का यह सबसे भयंकर रौद्र रूप है। उन्होंने रक्तबीज का वध करने के लिए इतना भयानक रुप धारण किया था। उनका स्वरुप दुश्मनों में भय पैदा करने वाला है। माता कालरात्रि को रातरानी का फूल प्रिय है। यह शुभंकरी हैं। इनकी पूजा से व्यक्ति को निडरता और निर्भयता का आशीष मिलता है। आइए जानते हैं कि आज कालरात्रि की निशा पूजा का मुहूर्त क्या है, मंत्र तथा उनके कवच क्या हैं?
कालरात्रि निशा पूजा मुहूर्त
निशा पूजा का अर्थ रात्रि की पूजा से है। यदि आप आज कानरात्रि की निशा पूजा करना चाहते हैं तो आपको देर रात 11 बजकर 40 मिनट से 12 बजकर 34 मिनट के मध्य माता कालरात्रि की पूजा कर लेनी चाहिए।
मां कालरात्रि की स्तुति
या देवी सर्वभूतेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
मंत्र
ॐ देवी कालरात्र्यै नमः॥
प्रार्थना
एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।
लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्त शरीरिणी॥
वामपादोल्लसल्लोह लताकण्टकभूषणा।
वर्धन मूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी॥
कालरात्रि कवच
ऊँ क्लीं मे हृदयम् पातु पादौ श्रीकालरात्रि।
ललाटे सततम् पातु तुष्टग्रह निवारिणी॥
रसनाम् पातु कौमारी, भैरवी चक्षुषोर्भम।
कटौ पृष्ठे महेशानी, कर्णोशङ्करभामिनी॥
वर्जितानी तु स्थानाभि यानि च कवचेन हि।
तानि सर्वाणि मे देवीसततंपातु स्तम्भिनी॥
कालरात्रि पूजा विधि
निशा पूजा के लिए रात्रि में स्नान आदि करके स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें। फिर मां कालरात्रि की विधिपूर्वक पूजा करें। मां कालरात्रि को अक्षत्, धूप, रातरानी का फूल, गंध, गुड़, नैवेद्य आदि अर्पित करें। फिर उनकी आरती करें। दिए गए मंत्रों का जाप पूजा के समय करें। आप निशा पूजा में माता रानी के बीज मंत्र का जाप कर सकते हैं, यह आपके लिए कल्याणकारी हो सकता है। ध्यान रखें कि पूजा के समय आपका सिर ढका रहे। इसके लिए किसी साफ कपड़े का प्रयोग करें।