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Indira Ekadashi 2021: आज है मोक्ष देने वाली इंदिरा एकादशी, जानिए पूजा का सही मुहूर्त एवं महत्व

Indira Ekadashi 2021 हिन्दी पंचांग के अनुसार मोक्ष देने वाली इंदिरा एकादशी हर वर्ष आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को पड़ती है। आइए जानते हैं कि इस वर्ष इंदिरा एकादशी व्रत की सही तिथि और पूजा का मुहूर्त क्या है।

By Kartikey TiwariEdited By: Published: Wed, 29 Sep 2021 11:06 AM (IST)Updated: Sat, 02 Oct 2021 08:23 AM (IST)
Indira Ekadashi 2021: आज है मोक्ष देने वाली इंदिरा एकादशी, जानिए पूजा का सही मुहूर्त एवं महत्व
Indira Ekadashi 2021: आज है मोक्ष देने वाली इंदिरा एकादशी, जानिए पूजा का सही मुहूर्त एवं महत्व

Indira Ekadashi 2021: हिन्दी पंचांग के अनुसार मोक्ष देने वाली इंदिरा एकादशी हर वर्ष आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को पड़ती है। इस वर्ष ​इंदिरा एकादशी 02 अक्टूबर दिन शनिवार को सिद्ध योग में है। इंदिरा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा की जाती है और पूजा के समय इंदिरा एकादशी व्रत की कथा का श्रवण करते हैं। इंदिरा एकादशी व्रत से प्राप्त पुण्य को अपने पितरों को दान कर देना चाहिए, जिससे की उनको मोक्ष की प्राप्ति हो सके। जिन पितरों को मोक्ष नहीं मिला होता है, वे इंदिरा एकादशी व्रत के पुण्य से मोक्ष प्राप्त कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि इस वर्ष इंदिरा एकादशी व्रत की सही तिथि और पूजा का मुहूर्त क्या है।

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इंदिरा एकादशी 2021 तिथि

हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 01 अक्टूबर को रात में 11:03 बजे से लग रही है, जो अगले दिन 02 अक्टूबर को रात 11:10 बजे तक रहेगी। ऐसे में इंदिरा एकादशी व्रत 02 अक्टूबर दिन शनिवार को रखा जाएगा।

इंदिरा एकादशी पूजा मुहूर्त

एकादशी व्रत की पूजा मुख्यत: दिन में ही होती है। रात्रि के समय में भगवत जागरण किया जाता है। इस दिन सिद्ध योग में इंदिरा एकादशी व्रत रखा जाएगा। सिद्ध योग उस दिन शाम को 05:47 बजे तक रहेगा। उसके बाद साध्य योग प्रारंभ होगा। इस दिन राहुकाल सुबह 09:12 बजे से सुबह 10:41 बजे तक है। एकादशी पूजा में राहुकाल का ध्यान रखना चाहिए।

व्रत पारण समय

इंदिरा एकादशी व्रत का पारण 03 अक्टूबर को सुबह 06:15 बजे से सुबह 08:37 बजे के बीच कर लेना उत्तम रहेगा।

इंदिरा एकादशी का महत्व

इंदिरा एकादशी व्रत को मोक्ष देने वाला कहा गया है। जो लोग इस व्रत को करते हैं, उनको मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। वह जीवन चक्र से मुक्त हो जाता है। यह एकादशी पितृ पक्ष में पड़ती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इंदिरा एकादशी व्रत के पुण्य को पितरों को देने से उनकी आत्मा तृ​प्त होती है और उनको भी जीवन मरण के चक्र से मुक्ति मिल जाती है।

डिस्क्लेमर

''इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।''


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