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Hariyali Amavasya 2021: पितृ दोष से मुक्ति के लिए आज हरियाली अमावस्या पर अपनाएं ये उपाय

Hariyali Amavasya 2021 हरियाली अमावस्या आज 08 अगस्त दिन रविवार को पड़ रही है। इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए व्रत और तर्पण का विधान है। लेकिन अगर आपकी कुण्डली में पितृ दोष है तो आपको कुछ विशेष उपाय करने चाहिए।

By Jeetesh KumarEdited By: Published: Thu, 05 Aug 2021 01:06 PM (IST)Updated: Sun, 08 Aug 2021 06:31 AM (IST)
पितृ दोष से मुक्ति के लिए आज हरियाली अमावस्या पर अपनाएं ये उपाय

Hariyali Amavasya 2021: सनातन धर्म में अमावस्या का विशेष महत्व है, साल में अमावस्या की 12 तिथियां आती हैं। इनमें से सावन की अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। इसे हरियाली अमावस्या भी कहते हैं। इस साल हरियाली अमावस्या आज 08 अगस्त, दिन रविवार को पड़ रही है। अमवास्या कि तिथि विषेश रूप से पितरों को समर्पित होती है। इस दिन अपने पूर्वजों, पितरों की आत्मा की शांति के लिए व्रत और तर्पण का विधान है। लेकिन अगर आपके पितर आपसे असंतुष्ट हैं या आपकी कुण्डली में पितृ दोष है तो आपको कुछ विशेष उपाय करने चाहिए। आइए जानते हैं पितृ दोष से बचने के विशेष उपाय...

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1-हरियाली अमावस्या पर वृक्षा रोपड़ का विशेष महत्व है। शास्त्रों पुराणों में कहा गया है कि इस दिन वृक्षा रोपड़ करने से पितृ दोष, ग्रह दोष समाप्त होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है। हरियाली अमावस्या के दिन पीपल, बरगद, बेल, नीम, आमा, आंवला आदि के पेड़ लगाने चाहिए।

2-हरियाली अमावस्या सावन में पड़ने के कारण भगवान शिव का पूजन करना विशेष रूप से फल दायी होता है। इस दिन महादेव का पूजन करने और उन्हें आक या मदार का सफेद फूल चढ़ाने से पितृदोष समाप्त होता है।

3-हरियाली अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और पितरों के निमित्त दान करना चाहिए। ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।

4-सावन की अमावस्या पर सांय काल में पीपल के पेड़ के पास सरसों के तेल का दीपक जला कर, पेड़ की परिक्रमा करें। ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।

5-किसी भी अमावस्या के दिन पितृसूक्त, गीता, गरुड़ पुराण, गजेंद्र मोक्ष या फिर पितृ कवच का पाठ करने से पितर प्रसन्न होते हैं और पितृ दोष से मुक्ति प्रदान करते हैं।

6- हरियाली अमावस्या पर पितरों के लिए व्रत करने और गरीब ब्राह्मण को खाना खिलाने से पितरों की आत्मा को तृप्ति मिलती है।

7- इस दिन पितरों के निमित्त पिंड दान करने और तर्पण करने का विधान है। ऐसा करने से पितृ दोष समाप्त होता है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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