Hariyali Amavasya 2019: आज है श्रावण मास की हरियाली अमावस्या, जानें पूजा विधि एवं महत्व
Hariyali Amavasya 2019 श्रावण मास की अमावस्या को श्रावण अमावस्या या हरियाली अमावस्या के नाम से जाना जाता है ओडिशा में इसे चितलगी अमावस्या कहा जाता है।
Hariyali Amavasya 2019: श्रावण मास की अमावस्या को श्रावण अमावस्या या हरियाली अमावस्या के नाम से जाना जाता है, ओडिशा में इसे चितलगी अमावस्या कहा जाता है। आज देश भर में श्रावण अमावस्या को विभिन्न रुपों में मनाया जा रहा है। श्रावण मास भगवान शिव का प्रिय मास है, इसलिए श्रावण अमावस्या का महत्व बढ़ जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है।
श्रावण मास हरियाली का प्रतीक है, पृथ्वी पेड़-पौधों से हरी भरी रहती है, इसलिए इसे हरियाली अमावस्या भी कहते हैं। ऐसी मान्यता है कि माता पार्वती से ही पृथ्वी पर हरियाली है, इसलिए इस दिन उनकी पूजा का विधान है। उनकी पूजा से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
इस दिन किसानी-किसानी के औजारों जैसे हल, हंसिया, कुल्हाड़ी आदि की पूजा-अर्चना करते हैं। बैलों की जोड़ी का श्रृंगार भी करते हैं। इस दिन को प्रकृति का आभार जताने के लिए भी मनाया जाता है।
श्रावण अमावस्या को पितृ तर्पण भी किया जाता है। इससे पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है। इस दिन पर लोग पितरों की याद में पेड़-पौधे भी लगाते हैं।
श्रावण अमावस्या के दिन लोग भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते हैं, इससे घर में सुख-समृद्धि और शांति आती है। कई लोग श्रावण अमावस्या का उपवास भी रखते हैं। स्नान के बाद ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा भी दी जाती है।
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