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Guru Pradosh Vrat 2023: गुरु प्रदोष व्रत आज, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Guru Pradosh Vrat 2023 हिन्दू धर्म में प्रदोष व्रत को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की उपासना करने से सभी दुःख दर्द दूर हो जाते हैं। आइए जानते हैं कब है माघ मास का अंतिम प्रदोष व्रत और क्या इस व्रत का महत्व।

By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraPublished: Sun, 29 Jan 2023 04:05 PM (IST)Updated: Thu, 02 Feb 2023 08:30 AM (IST)
Guru Pradosh Vrat 2023: गुरु प्रदोष व्रत आज, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
Guru Pradosh Vrat 2023: जानिए कब है माघ मास का अंतिम प्रदोष व्रत?

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Guru Pradosh Vrat 2023: पंचांग के अनुसार, हर मास के कृष्ण और शुक्ल पश्र की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। वहीं, माघ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जा रहा है। गुरुवार पड़ने के कारण आज गुरु प्रदोष व्रत है। इस विशेष दिन पर भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा प्रदोष काल अर्थात संध्याकाल में की जाती है। बता दें कि माघ मास खत्म होने में अब कुछ ही दिन शेष हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि माघ मास में अंतिम प्रदोष व्रत किस दिन रखा जाएगा। आइए जानते हैं गुरु प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त और पूजा-विधि।

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गुरु प्रदोष व्रत तिथि एवं शुभ मुहूर्त (Guru Pradosh Vrat 2023 Date)

हिंदू पंचांग के अनुसार माघ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 2 फरवरी 2022, शाम 4 बजकर 25 मिनट से होगा और इसका समापन 3 फरवरी को शाम 6 बजकर 59 मिनट पर होगा। प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा के कारण यह व्रत 2 फरवरी 2022, गुरुवार के दिन रखा जाएगा। गुरुवार के दिन पड़ने की वजह से इस व्रत गुरु प्रदोष व्रत के नाम से भी जाना जाएगा। इस दिन पूजा मुहूर्त शाम 6 बजकर 02 मिनट से रात्रि 8 बजकर 37 मिनट तक रहेगा।

गुरु प्रदोष व्रत पूजा विधि (Guru Pradosh Vrat 2023 Puja Vidhi)

गुरु प्रदोष व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके साफ वस्त्र धारण करें। इसके बाद सूर्य को अर्घ्य दें और व्रत का संकल्प लें। इस दिन भगवान शिव के साथ-साथ गुरु एवं भगवान विष्णु की भी उपासना करें। ऐसा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। मान्यता है कि गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की उपासना करने से सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं। इसके बाद प्रदोष काल अर्थात शाम के समय शुभ मुहूर्त में भगवान शिव का रुद्राभिषेक करें और 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप अवश्य करें। पूजा के अंत में भगवान शिव की आरती व चालीसा का पाठ करें।

गुरु प्रदोष व्रत महत्त्व (Guru Pradosh Vrat 2023 Importance)

गुरु प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और भगवान विष्णु की उपासना करने से धन, समृद्धि, सुख एवं ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। पुराणों में भी प्रदोष व्रत को अत्यंत फलदाई बताया गया है। इस दिन पूजा-पाठ करने से वैवाहिक जीवन में आ रही समस्याएं भी दूर हो जाती हैं और संतान को भी आरोग्यता एवं सफलता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।


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