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Gupt Navratri 2023: गुप्त नवरात्रि आज से शुरू, जानें क्या करें और किन चीजों से करें परहेज

Gupt Navratri 2023 सनातन शास्त्रों की मानें तो गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं की देवियां तारा त्रिपुर सुंदरी भुवनेश्वरी छिन्नमस्ता काली त्रिपुर भैरवी धूमावती बगलामुखी की श्रद्धा भाव से पूजा उपासना की जाती है। इस दौरान साधन कठिन जप और तप भी करते हैं।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarPublished: Sat, 21 Jan 2023 12:42 PM (IST)Updated: Sun, 22 Jan 2023 10:02 AM (IST)
Gupt Navratri 2023: गुप्त नवरात्रि आज से शुरू, जानें क्या करें और किन चीजों से करें परहेज
Gupt Navratri 2023: गुप्त नवरात्रि आज से शुरू, जानें क्या करें और किन चीजों से करें परहेज

नई दिल्ली, Gupt Navratri 2023: हिंदी पंचांग के अनुसार, हर वर्ष माघ में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से लेकर नवमी तक गुप्त नवरात्रि मनाई जाती है। इस वर्ष माघ माह में पड़ने वाली गुप्त नवरात्रि आज यानी 22 जनवरी से शुरू होकर 30 जनवरी को समाप्त होगी। इन नौ दिनों में देवी मां दुर्गा के नौ गुप्त रूपों की पूजा-उपासना की जाती है। कल 22 जनवरी को घटस्थापना है। धार्मिक मान्यता है कि तंत्र मंत्र सीखने वाले साधक कठिन तपस्या कर मां सिद्धिदात्री को प्रसन्न करते हैं। साधक की कठिन भक्ति से प्रसन्न होकर मां साधक की सिद्धि पूर्ण करती हैं। इसके लिए गुप्त नवरात्रि के नौ दिनों में विधिवत पूजा उपासना करनी चाहिए। मां की पूजा और साधना करने के कई कठोर नियम हैं। इन नियमों का पालन करना अनिवार्य है। इसके पश्चात ही पूजा पूर्ण होती है। अगर आप भी मनोवांछित फल प्राप्त करना चाहते हैं, तो गुप्त नवरात्रि में मां की श्रद्धा भाव से पूजा करें। साथ ही इन नियमों का पालन जरूर करें। आइए, जानते हैं-

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मां दुर्गा के नौ रूप

सनातन शास्त्रों की मानें तो गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं की देवियां तारा, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, काली, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी की श्रद्धा भाव से पूजा उपासना की जाती है। इस दौरान साधन कठिन जप और तप भी करते हैं। गुप्त नवरात्रि के दौरान साधक को तंत्र साधना, जादू-टोना, वशीकरण में सिद्धि प्राप्त होती है। इसके लिए साधक निशा पूजा की रात्रि में विशेष पूजा अनुष्ठान करते हैं।  कठिन भक्ति से प्रसन्न होकर मां साधकों को दुर्लभ और अतुल्य शक्ति देती हैं और सभी मनोरथ सिद्ध करती हैं।

गुप्त नवरात्रि में क्या करें

-मां की महिमा अपरंपार है। मां की सेवा करने से व्यक्ति के सभी मनोरथ सिद्ध और पूर्ण होते हैं। इसके लिए मां की सेवा और भक्ति श्रद्धाभाव से  करें। गुप्त नवरात्रि के नौ दिनों तक तामसिक भोजन का त्याग करें। इसके अलावा, नौ दिनों तक ब्रह्मचर्य नियम का कठोरता से पालन करें। अपने मन और मस्तिष्क में माता का ध्यान करें। पूरे नवरात्रि में कुश की चटाई पर शयन करें। आप शारीरिक शक्ति के अनुसार, गुप्त नवरात्रि में निर्जला या फलाहार व्रत उपवास करें। मां दुर्गा की पूजा के साथ-साथ अपने माता-पिता की भी सेवा करें।

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।


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