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Govardhan Puja 2022 Date: इस दिन की जाएगी भगवान गोवर्धन नाथ की विशेष पूजा, जानें तिथि और पूजा महत्व

Govardhan Puja Date 2022 हिन्दू धर्म में गोवर्धन पूजा को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण के साथ-साथ गाय बछड़ों की भी विधिवत पूजा की जाती है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन पूजा-पथ करने से भक्तों को विशेष लाभ होता है।

By Shantanoo MishraEdited By: Published: Fri, 30 Sep 2022 02:50 PM (IST)Updated: Fri, 30 Sep 2022 02:50 PM (IST)
Govardhan Puja 2022 Date: इस दिन की जाएगी भगवान गोवर्धन नाथ की विशेष पूजा, जानें तिथि और पूजा महत्व
Govardhan Puja 2022: इस दिन धूम-धाम से मनाया जाएगा गोवर्धन पूजा उत्सव।

नई दिल्ली, Govardhan Puja 2022 Date and Time: इस वर्ष 24 अक्टूबर 2022 को धूमधाम से देश भर में दिवाली पर्व मनाया जाएगा। धनतेरस से शुरू होने वाले इस पर्व का समापन भाई दूज को होता है। दिवाली महापर्व के इन 5 दिनों को हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। बता दें कि दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा का विधान है। इस दिन भगवान गोवर्धन नाथ के साथ-साथ गाय, बछड़े इत्यादि की उपासना की जाती है। इस पूजा का महत्व इसलिए भी अधिक है क्योंकि इसका संबंध भगवान श्री कृष्ण से है।

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कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिभा तिथि को मनाया जाने वाला यह पर्व हमारे देश में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। कई क्षेत्रों में गोवर्धन पूजा को अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है। आइए जानते हैं किस दिन है गोवर्धन पूजा और क्या है इसका मुहूर्त और महत्व।

गोवर्धन पूजा तिथि और मुहूर्त (Govardhan Puja 2022 Date and Muhurat)

हिंदू पंचांग के अनुसार दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा का विधान है। इस वर्ष दीपावली पर्व 24 अक्टूबर 2022 को धूम-धाम से मनाया जाएगा। लेकिन इस बार प्रतिपदा तिथि 25 अक्टूबर को शाम 4:18 से शुरू होगी और इसका समापन अगले दिन 26 अक्टूबर को दोपहर 2:42 पर होगा। इसलिए उदया तिथि के अनुसार गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर 2022 को मनाया जाएगा। पंचांग के मुताबिक 26 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा का मुहूर्त सुबह 6:33 से सुबह 8:48 तक है।

गोवर्धन पूजा महत्व (Govardhan Puja Importance)

किवदंतियों के अनुसार जब भगवान इंद्र के प्रकोप से ब्रज वासियों ने भगवान श्रीकृष्ण से शरण मांगी तब उन्होंने अपनी कनिष्ठ अर्थात अपनी सबसे छोटी उंगली से गोवर्धन पर्वत को उठा लिया था। भगवान इंद्र ने भी ब्रज पर अपना प्रकोप 7 दिनों तक जारी रखा। लेकिन गोवर्धन पर्वत की शरण में सभी ब्रजवासी और पशु सुरक्षित रहे। इससे इंद्रदेव का घमंड चूर हो गया और तब से ही इस दिन भगवान श्री कृष्ण के साथ, गाय और बछड़े का पूजन किया जाता है।

इस दिन गौ माता की उपासना करने से व्यक्ति को बहुत लाभ मिलता है। शास्त्रों के अनुसार गोवर्धन पूजा करने से व्यक्ति को कई प्रकार के दोष से मुक्ति मिलती है और उसके जीवन में सुख, समृद्धि, धन व ऐश्वर्य का आगमन होता है।

डिसक्लेमर

इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।


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