Gogadev Navami 2020 Puja Vidhi: इस तरह करें गोगा देव की पूजा, गाएं गोगा देव का प्रिय भजन
Gogadev Navami 2020 Puja Vidhi वाल्मीकि समाज के आराध्य देव वीर गोगादेवजी महाराज का जन्मोत्सव हर वर्ष गोगा नवमी के रूप में मनाया जाता है।
Gogadev Navami 2020 Puja Vidhi: वाल्मीकि समाज के आराध्य देव वीर गोगादेवजी महाराज का जन्मोत्सव हर वर्ष गोगा नवमी के रूप में मनाया जाता है। हर वर्ष वाल्मीकि समाज के लोग इस दिन परंपरागत श्रद्धा-भक्ति और उत्साह-उमंग के साथ मनाते हैं। यह पर्व आज है। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में खासतौर से इस त्यौहार को मनाया जाता है। इस दिन नागों को पूजा जाता है। कहा जाता है कि श्रावणी पूर्णिमा से गोगा देव की पूजा की शुरुआत होती है। 9 दिनों तक यह पूजा चलती है। जब नवमी तिथि आती है तब गोगा नवमी मनाई जाती है।
गोगा नवमी के दिन इस तरह करें पूजन:
- इस दिन सुबह जल्दी उठ जाएं और नित्यकर्मों से निवृत्त होकर खाना आदि बना लें।
- भोग के लिए खीर, चूरमा, गुलगुले आदि बना लें। इनका भोग गोगा देव को लगाया जाता है।
- महिलाएं वीर गोगा जी की मूर्ति लेकर आती हैं जो मिट्टी से बनाई जाती है, तब इनकी पूजा की जाती है। मूर्ति पर रोली, चावल से तिलक लगाया जाता है। साथ ही प्रसाद का भोग लगाया जाता है।
- कई जगहों पर तो गोगा देव के घोड़े पर चढ़ी हुई मूर्ति होती है जिसकी पूजा की जाती है।
- गोगा जी के घोड़े के सामने दाल रखी जाती है। कहते हैं कि यह शुभ होता है।
- कहा तो यह भी जाता है जो राखी रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाइयों को बांधती हैं वही खोलकर गोगा नवमी के दिन गोगा देव जी को चढ़ाई जाती है।
इस दिन गोगा जी का भजन भी गाया जाता है जो उन्हें बेहद प्रिय है-
भादवे में गोगा नवमी आगी रे, भगता में मस्ती सी छागी रे,
गोगा पीर दिल के अंदर, थारी मैडी पे मैं आया,
मुझ दुखिया को तू अपना ले, ओ नीला घोड़े आळे।
मेरे दिल में बस गया है गोगाजी घोड़ेवाला,
वो बाछला मां का लाला वो है, नीला घोड़े वाला,
दुखियों का सहारा गोगा पीर।