Move to Jagran APP

Diwali Aarti And Mantra: आज दिवाली पर लक्ष्मी पूजा के समय जरूर करें इन मंत्रों का जाप, पढ़ें आरती

Diwali Aarti And Mantra आज दिवाली का त्यौहार है। इस दिन मां लक्ष्मी की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है। माता लक्ष्मी धन और वैभव देने वाली देवी हैं। यह त्यौहर हर वर्ष कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Wed, 11 Nov 2020 10:20 AM (IST)Updated: Sat, 14 Nov 2020 11:00 AM (IST)
Diwali Aarti And Mantra: आज दिवाली पर लक्ष्मी पूजा के समय जरूर करें इन मंत्रों का जाप, पढ़ें आरती
Diwali Aarti And Mantra: दिवाली के दिन पूजा करते समय जरूर करें इन मंत्रों का जाप और पढ़ें आरती

Diwali Aarti And Mantra: आज दिवाली का त्यौहार है। इस दिन मां लक्ष्मी की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है। माता लक्ष्मी धन और वैभव देने वाली देवी हैं। यह त्यौहर हर वर्ष कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस दिन केवल मां लक्ष्मी की ही नहीं बल्कि भगवान श्री गणेश, कुबेर और देवों के राजा इंद्र की भी पूजा की जाती है। विशेषकर इस दिन मां लक्ष्मी को पूजा जाता है। विधिवत् पूजा-अर्चना करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होकर अपने भक्तों की सभी परेशानियों को दूर करती हैं। साथ ही उनके जीवन को धन, संपदा, वैभव, ऐश्वर्य से भर देती हैं। दिवाली के दिन पूजा करते समय आपको मां लक्ष्मी के मंत्र और आरती जरूर पढ़ने चाहिए। इससे मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। आइए पढ़ते हैं लक्ष्मी, इंद्र और कुबेर के मंत्र और लक्ष्मी जी की आरती।

loksabha election banner

लक्ष्मी प्रा​र्थना मंत्र:

'नमस्ते सर्वगेवानां वरदासि हरे: प्रिया।

या गतिस्त्वत्प्रपन्नानां या सा मे भूयात्वदर्चनात्।।'

इंद्र प्रा​र्थना मंत्र:

ऐरावतसमारूढो वज्रहस्तो महाबल:।

शतयज्ञाधिपो देवस्तस्मा इन्द्राय ते नम:।।

कुबेर प्रा​र्थना मंत्र:

धनदाय नमस्तुभ्यं निधिपद्माधिपाय च।

भवन्त त्वत्प्रसादान्मे धनधान्यादि सम्पद:।।

श्री लक्ष्मी महामंत्र:

ॐ श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा।।

श्री लक्ष्मी बीज मन्त्र:

ॐ श्रींह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मी नम:।।

श्री लक्ष्मी जी की आरती:

महालक्ष्मी नमस्तुभ्यं,

नमस्तुभ्यं सुरेश्वरि ।

हरि प्रिये नमस्तुभ्यं,

नमस्तुभ्यं दयानिधे ॥

पद्मालये नमस्तुभ्यं,

नमस्तुभ्यं च सर्वदे ।

सर्वभूत हितार्थाय,

वसु सृष्टिं सदा कुरुं ॥

ॐ जय लक्ष्मी माता,

मैया जय लक्ष्मी माता ।

तुमको निसदिन सेवत,

हर विष्णु विधाता ॥

उमा, रमा, ब्रम्हाणी,

तुम ही जग माता ।

सूर्य चद्रंमा ध्यावत,

नारद ऋषि गाता ॥

॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥

दुर्गा रुप निरंजनि,

सुख-संपत्ति दाता ।

जो कोई तुमको ध्याता,

ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॥

॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥

तुम ही पाताल निवासनी,

तुम ही शुभदाता ।

कर्म-प्रभाव-प्रकाशनी,

भव निधि की त्राता ॥

॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥

जिस घर तुम रहती हो,

ताँहि में हैं सद्‍गुण आता ।

सब सभंव हो जाता,

मन नहीं घबराता ॥

॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥

तुम बिन यज्ञ ना होता,

वस्त्र न कोई पाता ।

खान पान का वैभव,

सब तुमसे आता ॥

॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥

शुभ गुण मंदिर सुंदर,

क्षीरोदधि जाता ।

रत्न चतुर्दश तुम बिन,

कोई नहीं पाता ॥

॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥

महालक्ष्मी जी की आरती,

जो कोई नर गाता ।

उँर आंनद समाता,

पाप उतर जाता ॥

॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥

ॐ जय लक्ष्मी माता,

मैया जय लक्ष्मी माता ।

तुमको निसदिन सेवत,

हर विष्णु विधाता ॥ 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.