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Diwali 2020: कब है दीपावली और क्या है इस त्यौहार का महत्व, जानें यहां

Diwali 2020 दीपावली भारत में मनाया जाने वाला सबसे बड़ा हिंदू त्यौहार है। दीपावली का मतलब- दीप जिसका मतलब है रोशनी और वली जिसका मतलब है पंक्ति अर्थात रोशनी की एक पंक्ति। इस दौरान भगवान श्री गणेश और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Thu, 08 Oct 2020 07:30 AM (IST)Updated: Thu, 08 Oct 2020 07:30 AM (IST)
Diwali 2020: कब है दीपावली और क्या है इस त्यौहार का महत्व, जानें यहां
Diwali 2020: कब है दीपावली और क्या है इस त्यौहार का महत्व, जानें यहां

Diwali 2020: दीपावली भारत में मनाया जाने वाला सबसे बड़ा हिंदू त्यौहार है। दीपावली का मतलब- दीप जिसका मतलब है रोशनी और वली जिसका मतलब है पंक्ति, अर्थात रोशनी की एक पंक्ति। दीपावली का त्यौहार चार दिनों के समारोहों से चिह्नित होता है जो अपनी प्रतिभा के साथ हमारी धरती को रोशन करता है और हर किसी को अपनी खुशी के साथ प्रभावित करता है। इस दौरान भगवान श्री गणेश और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। पुराणों के अनुसार, दीपावली के दिन ही भगवान राम अयोध्या लौटे थे। भगवान राम के आने की खुशी में अयोध्यावासियों ने उनका दीप जलाकर स्वागत किया था। सुख-समृद्धि की कामना के लिए दिवाली से बढ़कर कोई त्यौहार नहीं होता इसलिये इस अवसर पर लक्ष्मी की पूजा भी की जाती है। दीपदान, धनतेरस, गोवर्धन पूजा, भैया दूज आदि त्यौहार दिवाली के साथ-साथ ही मनाए जाते हैं। आइए ज्योतिषाचार्य पं. दयानंद शास्त्री से जानते हैं कि इस वर्ष दिवाली किस दिन पड़ रही है और क्या है इसका महत्व।

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दिवाली का महत्व:

पुराणों के अनुसार, त्रेतायुग में जब भगवान श्री राम रावण का वध कर वापस अयोध्या लौट थे तब वहां के लगों ने उनका स्वागत दीप जलाकर किया था। इसी स्वागत को हर वर्ष लोग दिवाली के त्योहार के रूप में मनाते हैं। दिवाली के दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस दिन घर के मुख्य द्वार पर रंगोली बनाई जाती है। साथ ही पूरे घर को दीपों से सजाकर मां लक्ष्मी के आगमन का स्वागत किया जाता है। भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा के बाद खील और बतासे का प्रसाद बांटकर एक दूसरे को दिवाली की शुभकामनाएं दी जाती हैं। मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से मां लक्ष्मी घर में वास करती हैं। इससे व्यक्ति के घर में धन की कोई कमी नहीं रहती है।

दीपवली 2020 की शुभ तिथि और शुभ पूजन मुहूर्त:

दिवाली की तिथि: 14 नबंवर 2020

अमावस्या तिथि प्रारम्भ: 14 नबंवर 2020 दोपहर 2 बजकर 17 मिनट से

अमावस्या तिथि समाप्त: अगले दिन सुबह 10 बजकर 36 मिनट तक (15 नबंवर 2020)

लक्ष्मी पूजा मुहूर्त: शाम 5 बजकर 28 मिनट से शाम 7 बजकर 24 मिनट तक (14 नबंवर 2020)

प्रदोष काल मुहूर्त: शाम 5 बजकर 28 मिनट से रात 8 बजकर 07 मिनट तक

वृषभ काल मुहूर्त: शाम 5 बजकर 28 मिनट से रात 7 बजकर 24 मिनट तक 


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