Move to Jagran APP

Devshayani Ekadashi 2020: आज है देवशयनी एकादशी, जानें-इसकी कथा और महत्व

Devshayani Ekadashi 2020 इस व्रत के पुण्य प्रताप से व्यक्ति के जीवन से सभी तरह के संकट दूर हो जाते हैं। साथ ही जीवन में मंगल का आगमन होता है।

By Umanath SinghEdited By: Published: Wed, 01 Jul 2020 09:17 AM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2020 09:17 AM (IST)
Devshayani Ekadashi 2020: आज है देवशयनी एकादशी, जानें-इसकी कथा और महत्व

दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Devshayani Ekadashi 2020: आज देवशयनी एकादशी है। आज भगवान विष्णु  की पूजा करने का विधान है। इस व्रत के पुण्य प्रताप से व्यक्ति के जीवन से सभी तरह के संकट दूर हो जाते हैं। साथ ही जीवन में मंगल का आगमन होता है। इस व्रत का अति विशेष महत्व है क्योंकि इस दिन से भगवान श्रीहरि विष्णु  क्षीर सागर में शयन के लिए चले जाते हैं। इसके बाद चार महीने तक कोई भी शुभ काम नहीं किए जाते हैं। आइए, इस एकादशी की कथा जानते हैं-

loksabha election banner

देवशयनी एकादशी की कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, सतयुग में मांधाता नामक परम प्रतापी राजा रहता था, जिसकी चर्चा तीनों लोक में थी। एक बार की बात है जब उनके राज में भयानक अकाल पड़ा। यह देख मांधाता चिंतित हो उठें। वह प्रजा की भलाई के लिए आतुर थे, किंतु अकाल से कैसे मुक्ति पाए। इसकी कोई युक्ति उन्हें नहीं सूझ रही थी। इसके बाद राजा मांधाता अपनी सेना के साथ वन की ओर कूच कर गए।

जब वह वन में विचरण कर रहे थे तो भटकते-भटकते अंगिरा ऋषि के आश्रम जा पहुंचें। जहां उन्होंने अंगिरा ऋषि से अपनी व्यथा सुनाई।  राजा मांधाता  ने कहा- हे ऋषि ! मैं कोई पापकर्म में संलिप्त नहीं हूं। प्रजा की भलाई में हमेशा तत्पर रहता हूं। फिर भी यह कौन सी विपदा आन पड़ी है जो राज में भयानक अकाल आ पड़ा।

अगर तत्काल को समाधान नहीं निकला तो प्रजा भूख-प्यास से मर जाएगी और इनकी हत्या का पाप मुझ पर लगेगा। आप कृपाकर कोई युक्ति बताएं। तब ऋषि अंगिरा ने कहा- हे राजन ! मैं आपकी व्यथा को समझता हूं, लेकिन आपको बताना चाहूंगा कि सतयुग में धर्म कर्म का विशेष महत्व है।

अगर आप अधर्मी हो जाते हैं या छोटा सा छोटा पाप करते हैं तो आपको पाप कर्म का दंड जरूर मिलता है। ऐसा हो सकता है कि प्रजा के किसी सदस्य द्वारा को पाप कर्म किया जा रहा हो। अगर आप प्रजा की हित चाहते हैं तो हर साल देवशयनी एकादशी का व्रत करें।

इस व्रत के पुण्य प्रताप से आपके राज में जरूर बारिश होगी। ऋषि अंगिरा के वचनानुसार राजा मांधाता ने देवशयनी एकादशी का व्रत किया, जिसके फलस्वरूप उनके राज में बहुत बारिश हुई। इस बारिश से प्रजा को अकाल से मुक्ति मिली।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.