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Devotthan Ekadashi 2021: देवोत्थान एकादशी के दिन भूल कर भी न करें ये काम, नारज हो सकते हैं विष्णु भगवान

Devotthan Ekadashi 2021 सभी एकादशी के व्रत में देवशयनी और देवोत्थान एकादशी और भी महत्वपूर्ण हो जाती हैं। इस साल दवोत्थान एकादशी का व्रत 14 नवंबर को रखा जाएगा। आइए जानते हैं ऐसे कार्यों के बारे में जिन्हें इस दिन करने से आप पाप के भागी हो सकते हैं.....

By Jeetesh KumarEdited By: Published: Fri, 12 Nov 2021 01:22 PM (IST)Updated: Sun, 14 Nov 2021 06:00 AM (IST)
Devotthan Ekadashi 2021: देवोत्थान एकादशी के दिन भूल कर भी न करें ये काम, नारज हो सकते हैं विष्णु भगवान
Devotthan Ekadashi 2021: देवोत्थान एकादशी के दिन भूल कर भी न करें ये काम, नारज हो सकते हैं विष्णु भगवान

Devotthan Ekadashi 2021: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु के पूजन और व्रत का विधान है। साल भर में पड़ने वाली सभी एकादशी के व्रत में देवशयनी और देवोत्थान एकादशी और भी महत्वपूर्ण हो जाती हैं। पौराणिक मान्यता है कि अषाढ़ मास की देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु चार माह की योग निद्रा में चले जाते हैं। वो कार्तिक मास की देवोत्थान एकादशी के दिन पुनः जागते हैं। इस दिन चतुर्मास की समाप्ति होती है और मांगलिका कार्य फिर से शुरू हो जाते हैं। इस साल दवोत्थान एकादशी का व्रत 14 नवंबर को रखा जाएगा। आइए जानते हैं ऐसे कार्यों के बारे में जिन्हें इस दिन करने से आप पाप के भागी हो सकते हैं.....

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1-देवोत्थान एकादशी के दिन तुलसी विवाह का भी आयोजन किया जाता है। इस दिन तुलसी मां का भगवान शालीग्राम के साथ पूजन किया जाता है, इसलिए इस दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए।

2- देवात्थान एकादशी या किसी भी एकादशी के दिन नमक और चावल के खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।

3- इस दिन व्रत रखने वाले तथा परिवार के अन्य सदस्यों को भी सात्विक और संयमित जीवन बिताना चाहिए। इस दिन भूल कर भी मांस, मदिरा का सेवन न करें।

4- देवोत्थान एकादशी के दिन भगवान विष्णु और सभी देव जाग जाते हैं, इसलिए इस दिन और आने वाले समय में दिन में सोना बंद कर देना चाहिए। ये घर में दुख-दारिद्रय का कारण बनता है।

5- एकादशी के दिन झूठ बोलने और किसी को अपशब्द कहने से बचना चाहिए। ऐसा करने से भगवान विष्णु का पूजन सफल नहीं होता ।

6- एकादशी के दिन बाल और नाखून नहीं कटवाने चाहिए।

7- देवोत्थान एकादशी के दिन घर या बाहर लड़ाई झगड़े से बचें, ऐसा करने से मां लक्ष्मी नारज हो कर चली जाती हैं।

डिस्क्लेमर

''इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।''


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