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Shiv Mantra: शिवजी को प्रसन्न करने के लिए प्रदोष व्रत के दिन करें इन मंत्रों का जाप

शास्त्रों में निहित है कि यथाशीघ्र मनोवांछित फल की प्राप्ति हेतु सोमवार के दिन भक्तिभाव से शिवजी की पूजा करनी चाहिए। इसके अलावा प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि पर भी सच्ची श्रद्धा से भक्ति करने पर शिवजी प्रसन्न होते हैं।

By Umanath SinghEdited By: Published: Tue, 30 Nov 2021 01:19 PM (IST)Updated: Thu, 02 Dec 2021 11:05 AM (IST)
Shiv Mantra: शिवजी को प्रसन्न करने के लिए प्रदोष व्रत के दिन करें इन मंत्रों का जाप
Shiv Mantra: शिवजी को प्रसन्न करने के लिए प्रदोष व्रत के दिन करें इन मंत्रों का जाप

Shiv Mantra: 2 दिसंबर को प्रदोष व्रत है। इस दिन देवों के देव महादेव की पूजा-उपासना करने का विधान है। शास्त्रों में निहित है कि यथाशीघ्र मनोवांछित फल की प्राप्ति हेतु सोमवार के दिन भक्तिभाव से शिवजी की पूजा करनी चाहिए। इसके अलावा, प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि पर भी सच्ची श्रद्धा से भक्ति करने पर शिवजी प्रसन्न होते हैं। साधक महज फल, फूल, जल, अक्षत, भांग, धतूरा, बिल्व पत्र आदि भेंटकर शिवजी को प्रसन्न कर सकते हैं। साथ ही पूजा के समय शिव सुमरन का भी विधान है। इसके लिए पूजा करते समय इन मंत्रों का जाप करना चाहिए। खासकर महामृत्युंजय मंत्र के जाप से दुःख और संकट से मुक्ति मिलती है। अत: महामृत्युंजय मंत्र को बेहद प्रभावी माना गया है। विषम परिस्थिति में महामृत्युंजय जाप करना उत

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आइए जानते हैं-

1.

भगवान शिव पंचाक्षर मंत्र

ॐ नमः शिवाय।

इस मंत्र के एक स्फटिक माला जाप से व्यक्ति का तन-मन शुद्ध हो जाता है। साथ ही व्यक्ति पर भगवान शिव की विशेष कृपा बरसती है। अत: शिवजी को प्रसन्न करने के लिए प्रदोष व्रत के दिन शिव पंचाक्षर मंत्र का जाप अवश्य करें।

2.

-भगवान शिव गायत्री मंत्र

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात।

इस मंत्र के जाप से व्यक्ति और व्यक्ति के सकल परिवार का कल्याण होता है। व्यक्ति इस मंत्र को रोजाना जाप कर सकता है। खासकर सोमवार के दिन एक माला का जाप विशेष फलदायी होता है। वहीं, प्रदोष व्रत के दिन जाप करने से अक्षय फल प्राप्त होता है। 

3.

रुद्र गायत्री मंत्र:

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात।

इस मंत्र के जाप से व्यक्ति के जीवन की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं।

4.

-महामृत्युंजय मंत्र

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌।

उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्‌॥

ऐसी मान्यता है कि इस मंत्र के जाप से कृपाचार्य ने मृत्यु को भी जीत लिया है। अतः यह मंत्र बहुत प्रभावकारी है। खासकर दुःख , संकट और घातक बीमारी के समय महामृत्युंजय मंत्र का जाप बहुत फलकारी होता है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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