Move to Jagran APP

Paush Putrada Ekadashi 2022: आज पुत्रदा एकादशी पर करें विष्णु जी के इन मंत्रों का जाप

2022 Pausha Putrada Ekadashi शास्त्र में निहित है कि एकादशी के दिन जागरण करने वाले जातकों को मृत्यु उपरांत वैकुंठ धाम की प्राप्ति होती। ऐसा कहा जाता है कि एकादशी के दिन से सुमरण और जाप से जातक पर भगवान श्री हरि विष्णु की कृपा अवश्य बरसती है।

By Umanath SinghEdited By: Published: Fri, 07 Jan 2022 08:00 PM (IST)Updated: Thu, 13 Jan 2022 10:48 AM (IST)
Paush Putrada Ekadashi 2022: आज पुत्रदा एकादशी पर करें विष्णु जी के इन मंत्रों का जाप
Pausha Putrada Ekadashi 2022 / Lord Vishnu Mantra:आज पुत्रदा एकादशी के दिन करें विष्णु जी के इन मंत्रों का जाप

Paush Putrada Ekadashi 2022: हर वर्ष पौष माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी मनाई जाती है। इस प्रकार 13 जनवरी को पौष पुत्रदा एकादशी है। संतान प्राप्ति की कामना करने वाले जातकों को पौष पुत्रदा एकादशी जरूर करनी चाहिए। इस व्रत के पुण्य प्रताप से दंपत्ति को संतान की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान श्रीहरि विष्णु एवं माता लक्ष्मी की पूजा-उपासना की जाोती है। ज्योतिषों की मानें तो 12 जनवरी को शाम में 04 बजकर 49 मिनट पर पौष पुत्रदा एकादशी शुरू होकर 13 जनवरी को शाम में 7 बजकर 32 मिनट पर समाप्त होगी। व्रती दिन में किसी समय भगवान श्रीहरि और माता लक्ष्मी की पूजा कर सकते हैं। शास्त्र में निहित है कि एकादशी के दिन जागरण करने वाले जातकों को मृत्यु उपरांत वैकुंठ धाम की प्राप्ति होती। ऐसा कहा जाता है कि एकादशी के दिन से सुमरण और जाप से जातक पर भगवान श्री हरि विष्णु की कृपा अवश्य बरसती है। अगर आप भी भगवान विष्णु जी को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो एकादशी के दिन इन मंत्रों का जाप जरूर करें। आइए, मंत्र के बारे में जानते हैं-

loksabha election banner

पुत्रदा एकादशी को करें इन मंत्र का जप

1.

ॐ क्लीं देवकी सुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते,

देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहम शरणम् गता।

2.

वृंदा वृंदावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी।

पुष्पसारा नंदनीय तुलसी कृष्ण जीवनी।।

एतभामांष्टक चैव स्त्रोतं नामर्थं संयुतम।

यः पठेत तां च सम्पूज्य सौश्रमेघ फलंलमेता।।

3.

शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं

विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम्।

लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम्

वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्॥

4.

ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान।

यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते।।

5.

विष्णु जी के बीज मंत्र

ॐ बृं बृहस्पतये नम:।

ॐ क्लीं बृहस्पतये नम:।

ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:।

ॐ ऐं श्रीं बृहस्पतये नम:।

ॐ गुं गुरवे नम:।

6.

या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी।

या रक्ता रुधिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी॥

या रत्नाकरमन्थनात्प्रगटिता विष्णोस्वया गेहिनी।

सा मां पातु मनोरमा भगवती लक्ष्मीश्च पद्मावती॥

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.