Chaitra Navratri 2022: नवरात्रि की अष्टमी आज, जानिए महागौरी का पूजन विधि, शुभ मुहूर्त और मंत्र
Chaitra Navratri Durga Asthami 2022 चैत्र नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा करने का विधान है। आज के दिन को दुर्गा अष्टमी के नाम से भी जानते हैं। आज के दिन मां महागौरी की पूजा करने के साथ कन्या पूजन करना शुभ माना जाता है।
नई दिल्ली, Chaitra Navratri Durga Ashtami 2022: चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा करने का विशेष महत्व है। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को दुर्गाष्टमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा विधि-विधान से की जाती है। माना जाता है कि इस दिन महागौरी देवी की पूजा करने से सभी इच्छाएं पूर्ण हो जाती है। वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दिन महागौरी देवी की पूजा करने से कुंडली में राहु-केतु के दुष्प्रभाव कम हो जाते हैं। जानिए अष्टमी तिथि को कैसे करें मां महागौरी की पूजा, साथ ही जानें शुभ मुहूर्त, मंत्र और भोग के बारे में।
मां महागौरी का स्वरूप
मां दुर्गा के आठवें रूप को मां महागौरी के रूप में पूजा जाता है। महागौरी का रूप मनमोहक है। मां बैल की सवारी करती हैं। मां के चार हाथ है। एक हाथ में त्रिशूल, दूसरे में डमरू, तीसरा अक्षय मुद्रा और चौथा हाथ शांत मुद्रा में है। मां का रूप गोरा होने के साथ-साथ वस्त्र,आभूषण हर एक चीज श्वेत यानी सफेद रंग की है। इस कारण उन्हें श्वेताम्बरधरा के नाम से भी जाना जाता है।
मां महागौरी शुभ मुहूर्त
अष्टमी तिथि प्रारंभ- 8 अप्रैल रात 11 बजकर 5 मिनट से शुरू
अष्टमी तिथि समाप्त- 9 अप्रैल रात 1 बजकर 23 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त - सुबह 11:57 से 12:48 बजे तक
दिन का चौघड़िया मुहूर्त
काल काल वेला- सुबह 06:05 से 07:39
शुभ- सुबह 07:39 से 09:13 तक
चार- दोपहर 12:22 से 01:56 तक
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लाभ वार वेला- दोपहर 01:56 से 03:30 तक
अमृत- दोपहर 03:30 से शाम 05:04 तक
ऐसे करें मां महागौरी की पूजा
इस दिन मां महागौरी की पूजा विधिवत तरीके से करना चाहिए। कई व्रती अष्टमी तिथि को ही कन्या पूजन के साथ व्रत का पारण कर देते हैं। इस दिन सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान आदि करके साफ वस्त्र पहन लें। इसके बाद पूजा घर या फिर साफ जगह पर चौकी रखें और उसके ऊपर सफेद रंग का कपड़ा बिछाकर मां महागौरी की मूर्ति या फिर तस्वीर रख दें। इसके बाद अगर महागौरी यंत्र है तो उसे भी तस्वीर के पास रख दें। इसके बाद मां का ध्यान करते हुए शुद्धिकरण करें। फिर मां को फूल, माला, सिंदूर, अक्षत आदि चढ़ाने के बाद भोग में नारियल या इससे बनी हुई चीजें खिलाएं। इसके अलावा कन्या पूजन कर रहे हैं तो मां को हलवा-पूड़ी, सब्जी, काले चने, खीर आदि भी खिला सकते हैं। इसके बाद जल चढ़ा दें। फिर घी का दीपक जला लें। इसके बाद दुर्गा चालीसा, दुर्गा सप्तशती के साथ मां महागौरी के बीज मंत्र का जाप कर लें। अंत में आरती करके भूल चूक के लिए माफी मांग लें।
महागौरी का बीज मंत्र
सर्व मङ्गल माङ्गल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोsस्तुते।।
Pic Credit- instagram/raining_zen
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