नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Masik Shivratri 2023: हिन्दू शास्त्रों में बताया गया है कि शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की उपासना करने से भक्तों को विशेष लाभ मिलता है। साथ ही साधक की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं। बता दें कि चैत्र मास का पहला और विक्रम संवत 2079 का अंतिम मासिक शिवरात्रि व्रत आज रखा जा रहा है। आज के दिन मध्यरात्रि में भगवान शिव की उपासना का विधान है। आइए जानते हैं मासिक शिवरात्रि पूजा मुहूर्त और उपासना विधि।

मासिक शिवरात्रि 2023 शुभ मुहूर्त (Masik Shivratri 2023 Puja Muhurat)

हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का शुभारंभ 19 मार्च को प्रातः 03 बजकर 25 पर मिनट होगा और इसका समापन 21 मार्च को रात्रि 12 बजकर 17 मिनट पर हो जाएगा मासिक शिवरात्रि के दिन मध्य रात्रि में भगवान शिव की पूजा का विधान है इसलिए इस दिन पूजा का मुहूर्त रात्रि 11 बजकर 54 मिनट से रात्रि 12 बजकर 52 मिनट के बीच रहेगा। इस विशेष दिन पर शुभ मुहूर्त में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से साधकों को बहुत लाभ मिलता है।

मासिक शिवरात्रि 2023 पूजा विधि (Masik Shivratri 2023 Puja Vidhi)

शास्त्रों में बताया गया है कि मासिक शिवरात्रि के दिन साधक को ब्रह्म-मुहूर्त में उठकर स्नान-ध्यान करना चाहिए और फिर भगवान सूर्य को अर्घ्य देते हुए भगवान शिव एवं माता पार्वती की पूजा का संकल्प लेना चाहिए। इसके बाद घर में बने मंदिर या शिवालय में जाकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें। मासिक शिवरात्रि के दिन सबसे पहले शिवलिंग का जलाभिषेक करें और उन्हें पंचामृत से स्नान कराएं।

भगवान शिव को बेलपत्र सर्वाधिक प्रिय है। इसलिए मासिक शिवरात्रि के दिन पूजा के दौरन शिव जी को बेलपत्र, धतूरा, श्रीफल, चंदन, अक्षत इत्यादि अर्पित करें। मध्य-रात्रि में भगवान शिव की पूजा करने से साधकों को विशेष लाभ मिलता है। उसके साथ इस बात का भी ध्यान रखें कि साधक व्रत के दौरान अन्न का सेवन बिल्कुल ना करें।

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Edited By: Shantanoo Mishra