Chaiti Chhath 2024: चैती छठ पर जरूर करें ये काम, सभी मनोकामनाएं होंगी पूरी और खुशियों से भर जाएगा जीवन
साल में दो बार छठ का पर्व मनाया जाता है। एक चैत्र माह में और दूसरा दिवाली के बाद कार्तिक माह में। इस बार 15 अप्रैल को चैती छठ का समापन होगा। मान्यता है कि पूजा के दौरान छठी मैया की आरती न करने से साधक शुभ फल की प्राप्ति से वंचित रहता है। इसलिए छठी मईया की आरती जरूर करनी चाहिए।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Chaiti Chhath 2024: देशभर के कई हिस्सों में चैती छठ का पर्व मनाया जाता है। साल में छठ पूजा 2 बार की जाती है। चैत्र माह में मनाए जाने वाली छठ को चैती छठ और कार्तिक माह में मनाई जाने वाली छठ को कार्तिकी छठ के नाम से जाना जाता है। चैती छठ का व्रत महिलाएं संतान के अच्छे स्वास्थ्य और उन्नति के लिए रखतीं हैं। यह त्योहार 4 दिन तक मनाया जाता है। तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने का विधान है। इसी के साथ चैती छठ का पर्व समापन होता है। इस बार 15 अप्रैल को चैती छठ का समापन होगा। इस दिन विशेष रूप से छठ माता और भगवान सूर्य देव की पूजा की जाती है। इससे सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मान्यता है कि पूजा के दौरान छठी मैया की आरती न करने से साधक शुभ फल की प्राप्ति से वंचित रहता है। इसलिए छठी मैया की आरती अवश्य करनी चाहिए। जो इस प्रकार है-
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छठी मैया की आरती (Chhathi Maiya Aarti Lyrics)
जय छठी मईया ऊ जे केरवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।।जय छठी मईया..।।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।
ऊ जे नारियर जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।।जय छठी मईया..।।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।।जय छठी मईया..।।
अमरुदवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।।जय छठी मईया..।।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।
शरीफवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।।जय छठी मईया..।।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।।जय छठी मईया..।।
ऊ जे सेववा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।।जय छठी मईया..।।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।
सभे फलवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।।जय छठी मईया..।।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।।जय छठी मईया..।।
सूर्य भगवान को अर्घ्य देते समय करें इस मंत्र का जाप
ऊँ ऐही सूर्यदेव सहस्त्रांशो तेजो राशि जगत्पते।
अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकर:।।
ऊँ सूर्याय नम:, ऊँ आदित्याय नम:, ऊँ नमो भास्कराय नम:। अर्घ्य समर्पयामि।।
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