August Weekly Vrat Evam Tyohar 2020: 29 अगस्त को है परिवर्तिनी एकादशी, जानें कब है मोहर्रम एवं प्रदोष व्रत
August Weekly Vrat Evam Tyohar 2020 इस सप्ताह में परिवर्तिनी एकादशी मोहर्रम और प्रदोष जैसे व्रत एवं त्योहार आने वाले हैं।
August Weekly Vrat Evam Tyohar 2020: अंग्रेजी कैलेंडर के आठवें माह अगस्त का अंतिम सप्ताह चल रहा है। हिन्दी पंचांग के अनुसार, आज भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि और गुरुवार दिन है। इस सप्ताह में परिवर्तिनी एकादशी, मोहर्रम और प्रदोष जैसे व्रत एवं त्योहार आने वाले हैं। आइए जानते हैं कि ये व्रत एवं त्योहर किस तारीख और दिन को पड़ रहे हैं।
अगस्त के अंतिम सप्ताह के व्रत एवं त्योहार:
29 अगस्त 2020, दिन: शनिवार, परिवर्तिनी एकादशी।
परिवर्तिनी एकादशी: भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को परिवर्तिनी एकादशी के नाम से जानते हैं। इस दिन व्रत और पूजा करने से समस्त पापों से मुक्ति मिलती हैं
29 अगस्त 2020, दिन: शनिवार, मुहर्रम
मुहर्रम: इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, वर्ष का पहला माह मोहर्रम होता है। इसे 'ग़म का महीना' भी कहते हैं। इस दिन मुसलमान खासकर शिया समुदाय मातम करता है और जुलूस निकालता है। मोहर्रम के 9वें और 10वें दिन रोज़ा रखा जाता है।
30 अगस्त 2020, दिन: रविवार, प्रदोष व्रत।
प्रदोष व्रत: भाद्रपद मास का दूसरा प्रदोष व्रत 30 अगस्त को पड़ रहा है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, प्रदोष व्रत प्रत्येक मास की त्रयोदशी तिथि को होता है। एक मास में यह व्रत दो बार पड़ता है।
जो बीत गया
24 अगस्त 2020, दिन: सोमवार, लोलार्क षष्ठी।
लोलार्क षष्ठी: हर वर्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को लोलार्क षष्ठी होती है। आज के दिन लोग काशी के प्रसिद्ध लोलार्क कुंड में स्नान करते हैं, ताकि संतान प्राप्ति की मनोकामना पूर्ण हो जाए।
संतान सप्तमी: हर वर्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को संतान सप्तमी होती है, जो इस वर्ष 24 अगस्त को पड़ रही है। संतान सप्तमी का व्रत संतान प्राप्ति, उसकी कुशलता और उन्नति के लिए किया जाता है।
26 अगस्त 2020, दिन: बुधवार, श्री राधाष्टमी।
श्री राधा अष्टमी: हर वर्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को राधा रानी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस वर्ष राधा अष्टमी 26 अगस्त को है, इसे राधा जयंती भी कहते हैं। राधा अष्टमी को राधा जी श्रृंगार कर विधि विधान से पूजा की जाती है। राधा जी का जन्म मथुरा के रावल गांव में वृषभानु तथा कीर्ति के घर में हुआ था।