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Anang Trayodashi 2019: प्रेमी जोड़ों के लिए आज का दिन है महत्वपूर्ण, आज करें शिव-पार्वती की आराधना

Anang Trayodashi 2019 अनंग त्रयोदशी का व्रत मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के अलावा चैत्र मास में आता है।

By Kartikey TiwariEdited By: Published: Mon, 09 Dec 2019 11:13 AM (IST)Updated: Mon, 09 Dec 2019 11:13 AM (IST)
Anang Trayodashi 2019: प्रेमी जोड़ों के लिए आज का दिन है महत्वपूर्ण, आज करें शिव-पार्वती की आराधना
Anang Trayodashi 2019: प्रेमी जोड़ों के लिए आज का दिन है महत्वपूर्ण, आज करें शिव-पार्वती की आराधना

Anang Trayodashi 2019: अनंग त्रयोदशी का व्रत मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के अलावा चैत्र मास में आता है। इस त्रयोदशी पर बेहद सुंदर योग बना है। इस तिथि को सोम प्रदोष व्रत और अनंग त्रयोदशी व्रत दोनों साथ ही हैं। अनंग त्रयोदशी का व्रत प्रेमी जोड़ों के लिए अत्यंत फलदायी माना जाता है। आज के दिन व्रत रहते हुए भगवान शिव तथा माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए। इसके साथ ही कामदेव तथा रति की भी पूजा विधि विधान से करनी चाहिए। ऐसा करने से प्रेम संबंधों में सफलता प्राप्त होती है। संतानहीन दंपत्तियों को संतान सुख की प्राप्ति होती है।

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अनंग त्रयोदशी व्रत का मुहूर्त

मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का आरंभ आज सुबह 09:54 बजे हो चुका है, जो 10 दिसंबर को सुबह 10:44 बजे तक है। इस दिन सोम प्रदोष व्रत भी है, ऐसे में प्रदोष पूजा का मुहूर्त शाम को 05:25 बजे रात 08:08 बजे तक है। इस मुहूर्त में भगवान शिव की पूजा अर्चना विशेष फलदायी होगी।

अनंग त्रयोदशी व्रत एवं पूजा वि​धि

आज पूरे दिन व्रत रहते हैं और शाम को एक समय भोजन ग्रहण करते हैं। संतान सुख के लिए इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करें। भगवान शिव शंकर को सफ़ेद फूल, सफ़ेद मिठाई, बेल पत्र, केला, भांग, धतूरे, अमरूद आदि का भोग लगाएं। ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप करें और 13 सिक्के समर्पित करें।

यदि आप विवाह करना चाहते हैं तो शिवलिंग पर सिंदूर और सफेद फूल चढ़ाएं। 13 बेलपत्रों के साथ जल में गुड़ घोलकर अभिषेक करें। प्रेम संबंधों में सफलता के लिए भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के साथ कामदेव और रति की भी पूजा अर्चाना करें। ऐसा करने से आपकी मनोकामना पूर्ण होगी। ​दिनभर फलाहार करते हुए व्रत रहें। शाम को ब्राह्मण को भोजन कराएं और दक्षिणा दें। फिर आप भी भोजन ग्रहण करें।

अनंग त्रयोदशी व्रत कथा

तारकासुर नामक असुर के अत्याचार से तीनों लोक में त्राहि-त्राहि मच उठी थी। उसने स्वर्ग लोक पर कब्जा कर लिया था। सभी देवताओं को ब्रह्मा जी से पता चला कि भगवान शिव के अंश के हा​थों ही तारकासुर का अंत होगा।

वे देवी सती के वियोग में ध्यान मग्न थे। कोई भी देवता भगवान शिव का ध्यान भंग करने का साहस नहीं जुटा पाया। तब कामदेव देवताओं की मदद करने आगे आए। वे अपनी पत्नी रति के साथ भगवान शिव का ध्यान भंग करने में लग गए। उन्होंने महादेव का ध्यान भंग कर दिया, जिससे वे क्रोधित हो उठे। उन्होंने अपने तीसरे नेत्र की ज्वाला से कामदेव का भस्म कर दिया।

यह देखकर रति रोने लगीं। तब देवताओं ने भगवान शिव को सभी बातें बताई। तब महादेव ने रति से कहा कि कामदेव जीवित हैं, लेकिन वे अनंग हैं। इसका अर्थ हुआ कि वे बिना शरीर के हैं। द्वापर युग में श्रीकृष्णावतार के समय वह प्रद्युम्न के रुप में जन्म लेंगे, तब उनको शरीर प्राप्त ​होगा। वह भगवान श्रीकृष्ण के पुत्र के रूप में जन्म लेंगे।

भगवान शिव ने रति से कहा कि तुम और कामदेव मनुष्य के हृदय में प्रवेश करके काम और प्रेम बढ़ाने का काम करोगे, जिससे सृष्टि चक्र चलता रहेगा। तभी महादेव ने आशीर्वाद दिया की अनंग त्रयोदशी के दिन जो भी व्यक्ति शिव-पार्वती के साथ कामदेव और रति की पूजा करेगा, उसके प्रेम संबंध मधुर रहेंगे।


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