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Aja Ekadashi 2020 Puja Vidhi: इस तरह करें भगवान विष्णु की पूजा, मिलता है तीर्थों में दान-स्नान करने से भी ज्यादा फल

Aja Ekadashi 2020 Puja Vidhi अजा एकादशी का व्रत 15 अगस्त यानी शनिवार को पड़ रहा है। यह व्रत भाद्रपद महीने की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Fri, 14 Aug 2020 06:30 AM (IST)Updated: Fri, 14 Aug 2020 06:38 AM (IST)
Aja Ekadashi 2020 Puja Vidhi: इस तरह करें भगवान विष्णु की पूजा, मिलता है तीर्थों में दान-स्नान करने से भी ज्यादा फल
Aja Ekadashi 2020 Puja Vidhi: इस तरह करें भगवान विष्णु की पूजा, मिलता है तीर्थों में दान-स्नान करने से भी ज्यादा फल

Aja Ekadashi 2020 Puja Vidhi: अजा एकादशी का व्रत 15 अगस्त यानी शनिवार को पड़ रहा है। यह व्रत भाद्रपद महीने की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की आराधना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो व्यक्ति अजा एकादशी का व्रत करता है उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। सिर्फ यही नहीं, वह व्यक्ति इस लोक का सुख भोगकर विष्णु लोक को प्राप्त करता है। यह भी कहा जाता है कि इस व्रत का फल उससे भी ज्यादा होता है जो अश्वमेघ यज्ञ, कठिन तपस्या, तीर्थों में दान-स्नान आदि से प्राप्त होता है। अगर आप भी इस व्रत को करना चाहते हैं तो हम आपको अजा एकादशी की पूजा-विधि बता रहे हैं।

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अजा एकादशी व्रत-विधि:

  • इस व्रत को करने के लिए आपको दशमी तिथि को सूर्यास्त के बाद भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए।
  • फिर एकादशी के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठना चाहिए।
  • नित्यकर्मों से निवृत्त होकर स्नानदी कर स्वच्छ वस्त्र पहन लें।
  • एक चौकी लगाएं और उस पर पीले रंग का कपड़ा बिछाएं।
  • चौकी के चारों तरफ कलावा बांधें।
  • इस पर भगवान विष्णु की प्रतिमा रखें। साथ ही माँ लक्ष्मी की भी प्रतिमा रखें।
  • आप चौकी पर प्रतिमा की जगह फोटो भी रख सकते हैं।
  • भगवान के माथे पर चंदन लगाएं और फिर दीपक जलाएं।
  • श्रीहरि को पीले फूल की माला चढ़ाएं। पुष्प अर्पित करें।
  • विष्णु स्तुति, विष्णु चालीसा और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ भी करें।
  • अजा एकादशी व्रत की कथा पढ़ें।
  • भगवान जगदीश की आरती करें।
  • दिनभर निराहार रहें और शाम को फलाहार करें।
  • रात्रि जागरण भी करें।
  • द्वादशी तिथि यानि अगले दिन सुबह ब्राह्मण को भोजन कराएं। उन्हें अपनी सामार्थ्य के अनुसार दान-दक्षिणा भी दें।
  • इसके बाद खुद भोजन करें।

अगर आप किसी कारणवश व्रत नहीं कर पा रहे हैं तो आप मन में विष्णु भगवान का ध्यान करें। साथ ही सात्विक रहें। किसी की निंदा न करें और झूठ न बोलें।


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