Move to Jagran APP

उत्‍तर प्रदेश में हनुमान जी के 4 मंदिर हैं विशेष

शिव के 11वें अवतार माने जाने वाले पववपुत्र हनुमान के यूं तो कई भव्‍य मंदिर हैं, पर आज हम आपको बता रहे हैं उत्‍तर प्रदेश के 4 विशिष्‍ठ मंदिरों के बारे में।

By Molly SethEdited By: Published: Mon, 25 Dec 2017 04:11 PM (IST)Updated: Tue, 06 Mar 2018 03:57 PM (IST)
उत्‍तर प्रदेश में हनुमान जी के 4 मंदिर हैं विशेष


हनुमान मंदिर, इलाहबाद

loksabha election banner

इलाहबाद किले से सटा यह मंदिर लेटे हुए हनुमान जी की प्रतिमा वाला एक छोटा किंतु प्राचीन मंदिर है। यह संपूर्ण भारत का केवल एकमात्र मंदिर है जिसमें हनुमान जी लेटी हुई मुद्रा में हैं। यहां पर स्थापित हनुमान जी की प्रतिमा 20 फीट लम्बी है।

हनुमानगढ़ी, अयोध्या

धर्मिक ग्रंथों के अनुसार अयोध्या भगवान श्रीराम की जन्मस्थली है। यहां का श्री हनुमान मंदिर हनुमानगढ़ी के नाम से प्रसिद्ध है। यह मंदिर राजद्वार के सामने ऊंचे टीले पर स्थित है इसीलिए यहां तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को 70 से अधिक सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। यह मंदिर काफ़ी भव्य है और मंदिर के चारों ओर साधु-संत रहते हैं। हनुमानगढ़ी के दक्षिण में सुग्रीव टीला व अंगद टीला नामक स्थान भी हैं।

हनुमान धारा, चित्रकूट

उत्तर प्रदेश के सीतापुर नामक स्थान के पास यह हनुमान मंदिर स्थित है। सीतापुर से हनुमान धारा की दूरी लगभग तीन मील है। इस मंदिर में पहाड़ के सहारे हनुमान जी की एक विशाल मूर्ति है जिसके शीश पर दो जल से भरे के कुंड हैं, जिनमें से निरंतर पानी बहता रहता है। इस धारा का जल हनुमान जी को स्पर्श करता हुआ बहता है। इसीलिए इसे हनुमान धारा कहते हैं। इस स्थान के बारे में एक प्रसिद्ध कथा है कि श्रीराम के अयोध्या में राज्याभिषेक होने के बाद एक दिन हनुमान जी ने भगवान श्रीरामचंद्र से कहा  कि प्रभु कोई ऐसा स्थान बतलाइए, जहां लंका दहन से उत्पन्न शरीर का ताप मिट सके। तब भगवान श्रीराम ने हनुमान जी को यह स्थान बताया था।

 

श्री संकटमोचन मंदिर, वाराणसी

यह मंदिर उत्तर प्रदेश के बनारस शहर में स्थित है। इस मंदिर के चारों ओर एक छोटा सा वन है। श्री संकटमोचन हनुमान मंदिर में श्री हनुमान जी की दिव्य प्रतिमा है। ऐसी मान्यता है कि हनुमान जी की यह मूर्ति गोस्वामी तुलसीदासजी के तप एवं पुण्य से प्रकट हुई थी। इस मूर्ति में हनुमान जी दाएं हाथ से भक्तों को अभयदान दे रहे हैं और बायां हाथ उनके ह्रदय पर स्थित है। प्रत्येक कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को सूर्योदय के समय यहां हनुमान जी की विशेष आरती होती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.